तारीखवार जीवन-वृत्तान्त।
(१८९६-१८९७)
१८९६
४ जुलाई : गांधीजी ५ जूनको डर्बनसे रवाना होकर कलकत्ता पहुंचे। बरास्ता इलाहाबाद बम्बईके लिए रवाना।
५–६? जुलाई : 'पायनियर' के सम्पादक श्री चेजनीसे भेंट की।
९ जुलाई : राजकोट पहुँचे। बम्बईमें प्लेग फैलने पर राजकोट में सफाई-समितिमें शामिल हुए।
१४ अगस्त : राजकोटसे 'हरी पुस्तिका' प्रकाशित की।
१७ अगस्त : राजकोट से बम्बईके लिए रवाना।
१९ अगस्त : बम्बईमें रानडे, बदरुद्दीन तैयबजी और फीरोजशाह मेहतासे मिले।
११ सितम्बर : बीमार बहनोई—जिनकी उन्होंने मृत्यु-पर्यन्त सेवा-शुश्रुषा की—को लेकर बम्बईसे राजकोटके लिए रवाना।
१४ सितम्बर : लन्दनसे डर्बन भेजें हुए रायटरके तार (केबल) से 'हरी पुस्तिका' की सामग्रीके बारेमें भ्रामक समाचार प्रकाशित।
१६ सितम्बर : नेटालके पत्रोंमें रायटर द्वारा तारसे भेजे गये सारांशके प्रकाशित होनेसे डर्बनके यूरोपीय भड़क गये और उन्होंने यूरोपीय संरक्षण संघ (यूरोपीयन प्रोटेक्शन एसोसिएशन) का गठन किया।
२६ सितम्बर : बम्बईमें, फीरोजशाह मेहताकी अध्यक्षतामें, सार्वजनिक सभामें भाषण दिया।
२९ सितम्बर : बम्बईकी सभाने दक्षिण आफ्रिकावासी भारतीयोंके प्रति दुर्व्यवहारका विरोध और भारतमन्त्री को शिकायतें दूर करने के लिए प्रार्थनापत्र भेजने का निश्चय किया।
११ अक्तूबर : गांधीजी बम्बईसे पूनाके रास्ते मद्रासके लिए रवाना।
१२ अक्तूबर : पूनामें गोखले, लोकमान्य तिलक और डॉ॰ भाण्डारकरसे मिले।
१४ अक्तूबर : मद्रास पहुँचे। २६ अक्तूबर : पचैयप्पा कालेज, मद्रासके सभा-भवन में आयोजित सार्वजनिक सभामें भाषण दिया।
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