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२४. तार : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसकी ब्रिटिश समिति, डब्ल्यू॰ डब्ल्यू॰ हंटर और भावनगरीको

[२८ जनवरी, १८९७][१]

प्रेषक

भारतीय

सेवामें
(१) "इनकाज"[२]
(२) सर विलियम हंटर, मारफत 'टाइम्स'
(३) भावनगरी, लंदन

दो भारतीय जहाज 'कूरलैंड', 'नादरी' ३० नवम्बरको[३] बम्बईसे चले। १८ दिसम्बरको आये। सारी यात्रामें पूर्ण स्वस्थता का प्रमाणपत्र होनेपर मी ५ दिन संगरोध में [रखे गये]। बम्बई रोग-संसगित बन्दरगाह घोषित दूसरे दिन। स्वास्थ्य-अधिकारी मुअत्तिल। दूसरा नियुक्त। वह २४ को जहाजमें आया। रोगाणुनाशन, और पुराने कपड़े, पट्टियाँ आदि जलाने का आदेश दिया। ११ दिनका संगरोधन जारी किया। जलाना आदि २५ को हुआ। २८ को पुलिस अफसर आया। फिर रोगाणुनाशन किया। बिस्तर, बोरे, कपड़े आदि जलाये। २९ को स्वास्थ्य अधिकारी जहाजमें आया। सन्तोष प्रकट किया। फिर १२ दिन का संगरोध जारी किया। प्रैटीक[४] १० जनवरी को मिलना था, ११ को दिया गया। जहाजके पहुंचनेपर स्वयंसेवक अफसरों और दूसरोंने यात्रियोंको उतरने से जबरन रोकने के लिए समाएँ की। सभाओं के लिए नगर-भवन का उपयोग हुआ। व्याख्याता ने घोषणा की—सरकार की सहानुभूति है, रक्षामन्त्री ने कहा है कि सरकार भीड़ का विरोध नहीं करेगी। और कहा—दोनों जहाजों में नेटाल, आनेवाले ८०० यात्री है, अधिकतर कारीगर और मजदूर हैं, भारतीयोंसे उपनिवेश को भर देने की योजना है, जहाज में छापने की मशीन है, आदि।

  1. तारपर तारीख नहीं है। देखिए अगला शीर्षक।
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसकी ब्रिटिश समिति, लंदन तार का पता।
  3. वस्तुतः नादरी २८ नवम्बर को रवाना हुए था। देखिए पृ॰ १५६।
  4. प्रैटीक संक्रमण रोग सम्बन्धी संगोधन मुक्ति (क्वारंटीन) की अवधि समाप्त होने या पूर्ण स्वास्थ्य का प्रमाणपत्र पेश करने पर जहाज को बन्दरगाहके साथ काम करने की अनुमति। तक