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भाषण : एलौरमें


पाये । अंग्रेजों या अपने देशबन्धुओंकी, जिनका मत हमारे मतसे नहीं मिलता, आलो- चना करना आवश्यक नहीं है, क्योंकि सबसे अच्छी और सबसे सच्ची-खरी आलोचना तो अपने विश्वासके अनुसार जीवन-यापन करना है।

हमें अपना ध्यान तीन बातोंपर केन्द्रीभूत करना चाहिए जिन्हें कांग्रेस-समितिने हमारे सामने रखा है। आपने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीको राजधानीमें[१] निमन्त्रित किया है। आपने उसके सदस्योंके प्रति अपना अगाध प्रेम प्रदर्शित किया है। आपने स्वेच्छया ऐसा समारोह आयोजित किया है मानो कोई धार्मिक त्यौहार मनाया जा रहा हो या कांग्रेसका कोई अधिवेशन हो रहा हो । श्री सी० आर० दासके शब्दों में जन, धन और संघर्ष चलानेके शस्त्रोंकी माँग बेजवाड़ेसे ही प्रारम्भ की गई थी। और मैं आशा करता हूँ आप इस जुएको अपने कंधोंपर उठायेंगे और निरन्तर योग देते रहेंगे ताकि हरएक भाई-बहनका नाम कांग्रेसकी पंजिकामें चढ़ जाये ।

मुझे आशा है कि तीस जूनके आनेके बहुत पहले ही आप अपना भाग एकत्र कर लेंगे और उक्त तारीखके बहुत पहले ही इस आन्ध्र देशके प्रत्येक घरमें चरखा चलाया जाने लगेगा ।

मुझे आशा है कि तीन मासकी अवधिमें अपनेको इस देशकी सन्तान कहनेका दम भरनेवाला एक भी व्यक्ति ऐसा न रहेगा जिसके तनपर विदेशी वस्त्र होगा । आपके उत्साह और श्रद्धाने मुझे दक्षिण आफ्रिकातक में अपने प्रति आकर्षित कर लिया था। मेरे सबसे अच्छे बन्दी-साथी तमिल और तेलुगू देशभाई थे। मैदानमें उतरनेवाले लोगोंमें वे सबसे पहले थे और वे लगातार डटे रहे। किन्तु जिस शक्ति, श्रद्धा, विश्वास, सादगी तथा परिश्रमशीलताका परिचय आप दे रहे हैं उससे मुझे आश्चर्य होता है। आपकी स्वाभाविक स्वतन्त्रताने और आपके स्वाभाविक आत्मसंयमने मुझे विमोहित कर लिया है । आपमें इन सभी उत्कृष्ट गुणोंके रहते हुए यदि हम इस वर्षकी अवधिमें स्वराज्य नहीं प्राप्त करते तो यह हमारे दुर्भाग्यके सिवा और कुछ नहीं होगा। निवेदन यही है कि आप अपने प्रत्येक कृत्यके सम्बन्धमें सजग रहें और उसकी जाँच स्वयं करें । यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि आपमें मैंने जो कुछ देखा-पाया है उससे मुझे विश्वास हो गया है कि राम-राज्य स्थापित करनेकी सामर्थ्य आपमें है। आपके चेहरे बताते हैं कि आप निष्कपट और उदार हैं। और मेरा यह कहना कि आन्ध्र देशकी बहनोंने भी वही उदात्तभावना प्रदर्शित की है जो मैंने महाराष्ट्रमें देखी है, उनके प्रति मेरा सर्वोच्च सम्मान प्रदर्शन है।

आप लोगोंने जिस प्रकारसे शुरुआत की है उसी प्रकार आप आगे भी बढ़ें। जब कांग्रेसके मन्त्री अपना लेखा-जोखा उपस्थित करेंगे तब निःसन्देह उसमें आपका नाम सबसे ऊपर होगा । यदि एलौरमें कोई ऐसे वकील हैं जिन्होंने अभीतक अपनी वकालत नहीं छोड़ी है तो मैं उनसे कहता हूँ कि वे अपने भाग्यको भारतकी जनताके साथ जोड़ दें और मातृभूमिकी सेवा करनेका सुअवसर प्राप्त करें।


  1. १. बेजवाड़ामें ।