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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
- गांधीजीने एक वक्तव्य दिया जिसमें टर्कीके सम्बन्धमें सैन रेमोके निर्णयके प्रति भारतीय विरोध व्यक्त करनेके लिए असहयोग करनेकी सलाह दी।
मई १ : मद्रास लिबरल लीगकी प्रथम वार्षिक बैठक।
मई २ : अनवर पाशा द्वारा टर्कीके राष्ट्रीय आन्दोलनको अपने हाथ में लेनेका समाचार।
मई ६ : हाउस ऑफ कॉमन्समें मॉण्टेग्युने जनरल डायरके त्यागपत्रपर वक्तव्य दिया।
मई ७ : मिल मजदूरों और मालिकोंके झगड़ोंके लिए पंच-निर्णयकी पद्धति तय करनेके सम्बन्धमें गांधीजीका दूसरे लोगोंसे विचार-विमर्श।
मई ९ : गांधीजीने 'नवजीवन' में उड़ीसाके अकाल पीड़ितोंकी सहायता के लिए चन्दा देनेकी अपील करते हुए लेख लिखा।
मई ११ : पेरिस में टर्कीसे सम्बन्धित सन्धि-पत्र तुर्की प्रतिनिधियोंको सौंप दिया गया।
मई १२ : गांधीजी द्वारा 'यंग इंडिया' में उड़ीसा अकाल पीड़ितोंके लिए चन्दा देनेकी पुनः अपील।
गांधीजीने बम्बई में खिलाफत समितिको बैठकमें भाग लिया।
सेलममें मद्रास शिक्षा सम्मेलनका आयोजन।
गांधीजीने बम्बई में खिलाफत समितिको बैठकमें भाग लिया।
सेलममें मद्रास शिक्षा सम्मेलनका आयोजन।
मई १४ : भारतीय मुसलमानोंके नाम वाइसरायके सन्देशके साथ टर्कीके साथ की गई सन्धिकी शर्तें 'इंडिया' में प्रकाशित हुई।
मई १५ : असाधारण फौजी अदालतने मुस्तफा कमाल और उनके साथियोंको मौतकी सजा दी।
मई १६ : गांधीजीने अहमदाबादमें मिल-मालिकों और मजदूरोंके झगड़ोंके लिए पंच निर्णयकी पद्धति तय करनेके लिए आगे बातचीत की।
मई १७ : बातचीत जारी।
मई १८ : बातचीत जारी।
समाचारपत्रोंको वक्तव्य दिया जिसमें मित्र राष्ट्रों द्वारा टर्कीके साथ की गई सन्धिकी शर्तें बदलनेकी माँग की।
समाचारपत्रोंको वक्तव्य दिया जिसमें मित्र राष्ट्रों द्वारा टर्कीके साथ की गई सन्धिकी शर्तें बदलनेकी माँग की।
मई १९ : अहमदाबाद में गांधीजी द्वारा पंच-निर्णयकी पद्धतिपर बातचीत जारी।
मई २० : टर्की-सन्धिकी शर्तोंके प्रति विरोध प्रकट करनेके लिए याकूब हसनने मद्रास विधान परिषद्की सदस्यता और अन्य सरकारी संस्थाओंसे त्यागपत्र दे दिया।
मई २१ : हैदराबादके निजामने फरमान जारी करके खिलाफत आन्दोलनमें भाग लेनेका निषेध किया।
मई २३ : गांधीजीने अहमदाबादमें मिल मजदूरोंकी सभा में हड़तालके फैसलेके सम्बन्धमें भाषण दिया।
तौफीक नसीम पाशाने टर्कीमें नया मन्त्रिमण्डल बनाया।
तौफीक नसीम पाशाने टर्कीमें नया मन्त्रिमण्डल बनाया।
मई २८ : भारत सरकार द्वारा नियुक्त हंटर समितिने अपनी रिपोर्ट भजी और मॉण्टेग्युका उत्तर प्रकाशित किया गया।