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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
अहमदाबादमें गांधीजीने छठी गुजरात साहित्य परिषद् में 'जन-समाजके शिक्षणके लिए साहित्य' विषयपर भाषण दिया।
सन्ध्या समय रवीन्द्रनाथने सार्वजनिक सभामें अंग्रेजी में भाषण दिया। गांधीजीने भाषणका अनुवाद किया।
अप्रैल ४ : बम्बई और बंगाल प्रान्तीय सम्मेलनों में सुधार प्रस्तावपर बहस। एनी बेसेंट और अन्य लोगोंने नरम रुख अपनाया। तिलक और उनके साथी विपक्षमें रहे।
अप्रैल ६ : निकोलस्क और हेबरोवस्क में जापानियों और रूसियों में लड़ाई शुरू। गांधीजीने बम्बई में राष्ट्रीय सप्ताह सभामें भाषण दिया।
जलियाँवाला बाग स्मारक कोषके लिए पुनः अपील।
अप्रैल ७ : टर्कीमें नये मन्त्रिमण्डलका संगठन।
नये सुधारोंके अनुसार ट्रावनकोरकी नवनिर्मित परिषद्की पहली बैठक।
अप्रैल ९ : राष्ट्रीय सप्ताह के सिलसिले में केन्द्रीय खिलाफत समिति द्वारा बम्बई में आयोजित सार्वजनिक सभामें गांधीजीका भाषण।
अप्रैल ११ : गांधीजीने 'बॉम्बे क्रॉनिकल' को पत्र लिखा और जलियाँवाला बाग स्मारकके लिए चन्दा देनेकी फिरसे अपील की।
अप्रैल १३ : राष्ट्रीय सप्ताह मनाने के लिए होमरूल लीग तथा नेशनल यूनियन द्वारा बम्बई में आयोजित सभामें गांधीजीका भाषण। रवीन्द्रनाथ ठाकुरने सभाके लिए सन्देश भेजा।
गांधीजीने वाइसरायके निजी सचिवको तार दिया कि वाइसराय उन्हें इंग्लैंड जाकर वहाँके मन्त्रियोंको खिलाफतके सवालपर मुसलमानोंकी भावनाओंसे अवगत करानेकी अनुमति दें।
अप्रैल १३ के बाद : गांधीजीने भारत मन्त्रीको तार देकर खिलाफत के सम्बन्धमें इंग्लैंड जानेके लिए ब्रिटिश सरकारकी अनुमति माँगी।
अप्रैल १५ : सुधार समितिकी शिमला में बैठक।
अप्रैल १७ : शौकत अलीकी अध्यक्षतामें मद्रास खिलाफत सम्मेलनकी कार्रवाई शुरू।
अप्रैल १८ : गांधीजीने अहमदाबादके मिल मजदूरोंके दूसरे वार्षिकोत्सवकी अध्यक्षता की।
अप्रैल २२ : लन्दन में खिलाफत के सम्बन्धमें सार्वजनिक सभाका आयोजन। सभाकी अध्यक्षता जॉर्ज लॅन्सबरीने की।
अप्रैल २४ : संयुक्त राज्यने स्वतन्त्र आर्मीनिया गणराज्यको विधिपूर्वक मान्यता दी।
अप्रैल २५ : सैन रेमोमें मित्र देशोंके सम्मेलनने ब्रिटेनको मेसोपोटामिया और फिलिस्तीनका तथा फ्रांसको सीरियाका शासनाधिकार सौंपा।
अप्रैल २६ : बी॰ जी॰ हॉर्निमैनके निष्कासनका विरोध करनेके लिए होमरूल लीग द्वारा अहमदाबाद में सभाका आयोजन। गांधीजीने अध्यक्षता की।
अप्रैल २८ : गांधीजी होमरूल लीगके सदस्य बने और उसके अध्यक्ष निर्वाचित किये गये।