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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

फरवरी १ : लाहौरमें डा॰ जोजेफ न्यूननसे गांधीजीकी भेंट। डा॰ न्यूनन ब्रिटिश गियानाके उस शिष्टमण्डलके नेता थे जो भारततीय प्रवासियोंकी भरती करनेके विचारसे आया हुआ था।
फरवरी ३ : गांधीजीने पंजाब सरकारके मुख्य सचिवको राजनीतिक कैदियों और मार्शल लॉके दौरान गिरफ्तार किये गये कैदियोंकी रिहाईके बारेमें लिखा।
फरवरी ९ : लाहौर में दक्षिण आफ्रिकी आयोगके सम्बन्धमें समाचारपत्रोंके प्रतिनिधियोंसे भेंट।
ब्रिटिश गियानाके शिष्टमण्डलने शाही परिषद् में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
फरवरी १३ : गांधीजीने पंजाबके अत्याचारों और हिन्दू-मुस्लिम एकतापर सरगोधामें भाषण दिया।
फरवरी १४ : जलियाँवाला बाग स्मारक कोषके लिए अपील।
फरवरी १५ : पंजाब सरकारके मुख्य सचिवको पत्र लिखा और सरगोवामें भरती अभियान के समय सरकारी अधिकारियों द्वारा किये गये अत्याचारोंकी जाँचकी माँग की।
पंजाबके दंगों के सम्बन्धमें कांग्रेस जाँच समिति के साथ २३ जनवरीको शुरू किया गया पंजाबका दौरा समाप्त।
फरवरी १८ : शाही परिषद् में राजधानीके परिवर्तनके बारेमें बहस।
फरवरी २० : कांग्रेस अध्यक्ष मोतीलाल नेहरूको पंजाबके उपद्रवोंपर कांग्रेसकी रिपोर्टका मसविदा भेजा गया।
फरवरी २१ : गांधीजीने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के विद्यार्थियोंकी सभा में भाषण दिया।
फरवरी २५ : अहमदाबादमें मजदूर संघकी स्थापनाके उद्देश्यसे आयोजित मजदूरोंकी सभामें भाषण।
'ईवनिंग स्टैन्डर्ड' के प्रतिनिधिसे भेंट के दौरान मॉण्टेग्युने कुस्तुन्तुनियापर टर्कीका अधिकार बने रहने का जोरदार समर्थन किया।
जमशेदपुरके टाटा आयरन वर्क्स में हड़तालका समाचार।
फरवरी २६ : गांधीजीने अहमदाबादमें मारवाड़ी युवक मण्डल के तत्त्वावधान में रात्रि- पाठशालाके उद्घाटन समारोहकी अध्यक्षता की।
हाउस ऑफ कॉमन्समें टर्कीके भविष्यपर वाद-विवाद।
प्रथम भारतीय खिलाफत शिष्टमण्डल लन्दन पहुँचा।
फरवरी २७ : गांधीजीने अदालतकी मानहानि के मुकदमेके सम्बन्ध में अपना तथा महादेव देसाईका वक्तव्य बम्बई उच्च न्यायालयको भेजा।
फरवरी २८ : कलकत्ता में बंगाल प्रान्तीय खिलाफत सम्मेलनका आयोजन।