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परिशिष्ट

इन उपद्रवोंकी स्मृतिको उस सविनय अवज्ञा आन्दोलनसे पृथक करना असम्भव होगा जो उपद्रवोंका मुख्य तात्कालिक कारण था। जब यह आन्दोलन शुरू किया गया था, तब—यद्यपि विचारशील व्यक्तियोंको यह बात स्पष्ट दिख रही थी, किन्तु—मालूम पड़ता है इसके प्रवर्त्तकोंको यह बात स्पष्ट दिखाई नहीं दी कि भारत प्रगतिकी जिस मंजिलसे आज गुजर रहा है उसमें (अन्य देशोंमें चाहे जो कुछ हो) आम जनताको कुछ चुने हुए कानूनोंको तोड़नेकी सलाह देनेका फल यह होगा कि लोग अपना सन्तुलन खो देंगे और तब ऐसी स्थिति भी आ सकती है जिसमें सभी कानून टूट जायें और अव्यवस्था उत्पन्न हो जाये। पिछले वर्ष के कटु अनुभवसे अब इस प्रश्न के उत्तरमें सन्देहकी गुंजाइश ही नहीं रहती और जो लोग आगे चलकर, चाहे किसी भी उद्देश्य से हो, ऐसा आन्दोलन प्रारम्भ करते हैं उन्हें अब यह साफ समझमें आ जाना चाहिए कि जिन ताकतों को वे अपने नियंत्रण में नहीं रख सकते उन्हें उभाड़नेका परिणाम क्या होगा। हम केवल आशा ही कर सकते हैं कि यह चीज सदाके लिए सीख ली गई है। ऐसे आन्दोलन छेड़ना जान-बूझकर आग से खेलने के समान है और हम आशा करते हैं कि भविष्य में सही ढंगसे विचार करनेवाले सभी लोग जान-बूझकर ऐसी आग से खेलनेका दृढ़ता के साथ विरोध करेंगे।

अन्तमें हम यहाँ अपनी यह हार्दिक आशा व्यक्त करना चाहते हैं कि ऐसी घटनाओंसे ग्रहण करने योग्य शिक्षा केवल निषेधात्मक ही नहीं है। उस कालके प्रारम्भ से जिसकी यहाँ जाँच-पड़ताल की गई है भारत में एक नये युगका प्रारम्भ हुआ है और नये युग के आगमन की इस घटनाने सम्राट्को वह अनुग्रहपूर्ण घोषणा करनेका अवसर दिया है जिसे भारत में उनकी समस्त प्रजाने मनसे पसन्द किया है। हम इस अवसरपर इस सन्देशकी मुख्य बातको दुहराते हैं; हमें विश्वास है सम्राट्की यह हार्दिक इच्छा कि उनकी प्रजा और सरकारी अधिकारियोंके बीच कटुताकी भावना बिलकुल समाप्त हो जानी चाहिए सफल होगी—लोग उसपर ध्यान देंगे और उसे पूरा करेंगे।

४७. अन्तमें हम लॉर्ड इंटर तथा उनकी समितिके सदस्योंको धन्यवाद देना चाहते हैं। उन्होंने जाँचका यह कार्य जो प्रारम्भ से ही अत्यन्त कठिन था और जिसके करने में प्रशंसाकी कोई आशा नहीं थी, अत्यन्त योग्यता और कठिन परिश्रम से किया है और ऐसी रिपोर्ट दी है जिसने बहुतसे सन्देह और विवाद दूर किये और हमें उन अनेक मामलों में जो निर्णयकी अपेक्षा रखते थे सही निर्णय कर सकने में अत्यन्त सहायता दी।

आपके, आदि,
(हस्ताक्षर)
चैम्सफोर्ड सी॰ सी॰ मनरो
जी॰ एस॰ बार्न्ज
डब्ल्यू॰ एच॰ विन्सेंट
एम॰ शफी
डब्ल्यू॰ एम॰ हेली
टी॰ एच॰ हॉलैंड
ए॰ पी॰ मुड्डीमैन