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परिशिष्ट

सरकारके सुझाव अनुदार थे और उनका उद्देश्य उन्हें निरर्थक बना देनेका था, तथा टर्की-सन्धिमें जो देर हो रही थी इन सबका उल्लेख करता है। उसका तर्क है कि उपर्युक्त कारणों में से कईने पंजाबपर अन्य प्रान्तोंकी अपेक्षा अधिक असर डाला। वह अन्य विशेष कारणोंका भी उल्लेख करता है। उदाहरणके लिए जैसे युद्धसे ऊब, खाद्य पदार्थों तथा यातायात के प्रतिबन्ध, सर माइकेल ओ'डायरके भाषण, समाचारपत्रोंपर प्रतिबन्ध, बाहरके राजनीतिज्ञोंका प्रान्त में प्रवेश निषिद्ध करनेवाले आदेश, ये सभी शिक्षित वर्ग में सामान्यतया क्षोभ पैदा करनेवाले था। रौलट अधिनियमके गुण-दोष की चर्चासे बचते हुए भी उसका विचार था कि भारतीय विरोधके बावजूद इसे प्रस्तुत करना और अधिनियम बनाना असन्तोषका जबरदस्त कारण था। यह असन्तोष अधिनियमके गलत ढंगसे प्रस्तुत किये जानेके कारण पंजाब में और भी बढ़ा। वह इस बातको जोर देकर कहता है कि अधिनियमको गलत ढंगसे प्रस्तुत करनेके लिए भारतीय नेता उत्तरदायी नहीं थे। अल्पमत साथ ही सरकारकी निन्दा करता है कि वह ६ अप्रैलकी हड़ताल होनेतक अधिनियम के बारेमें आम जनताको समझानेमें असफल रही, बावजूद इसके कि उसे उस तारीखके पहलेसे ही गलत ढंगसे प्रस्तुत किया जा रहा था। बहुमतने सत्याग्रह आन्दोलनका जो मूल्यांकन किया है, उसे वह स्वीकार करता है, परन्तु वह इस मतको स्वीकार नहीं करता कि पंजाबके उपद्रवोंका कारण प्रान्तमें काम कर रहे संगठनों द्वारा सत्याग्रह सिद्धान्तका सक्रिय प्रस्तुतीकरण हो सकता है। उसका विचार है कि कोई संगठन ऐसा नहीं था जो उपद्रव कराता और अपने इस निष्कर्षकी पुष्टि के लिए वह विभिन्न सरकारी गवाहोंके बयान उद्धृत करता है। उसकी राय में उपद्रव ब्रिटिश विरोधी और सरकार विरोधी भीड़में अचानक उत्पन्न पागलपनके परिणाम थे। इस तरह अल्पमतका निष्कर्ष है कि यद्यपि पंजाब में किसी संगठित षड्यन्त्रका प्रमाण नहीं मिलता, फिर भी सैनिक और असैनिक अधिकारियोंने स्वयं ऐसी धारणा बना ली कि यह तो खुला विद्रोह है और उसीके अनुसार कार्यवाही की।

३२. भारत सरकार उपद्रवोंके कारणके सम्बन्धमें समितिके निष्कर्षको स्वीकार करती है। जैसा कि ऊपर कहा गया है, इस विषयपर अल्पमत काफी हदतक बहुमतसे सहमत है। जिन कारणोंकी अल्पमतने विशेष रूपसे चर्चा की है वह मानता है कि उनमें से महामारियाँ और नया आयकर अधिनियम अशान्तिके कारण थे, और व्यापारी वर्गकी आन्दोलनके प्रति जितनी सहानुभूति थी, हो सकता है कि उसका कारण आंशिक रूपसे आयकर अधिनियम रहा हो। सुधार प्रस्तावोंपर भारत सरकारके विचार प्रस्तुत करनेवाले खरीतोंको उपद्रवोंके काफी समय बादतक प्रकाशित नहीं किया गया और यदि, जैसा कि अल्पमतने कहा है, सरकारका अनुमानित रुख अशान्तिका कारण बना; किन्तु ऐसा अवश्यमेव उसे जान-बूझकर गलत ढंगसे प्रस्तुत करनेके कारण हुआ होगा। इसके अलावा जहाँतक हम जानते हैं, उपद्रवोंके वास्तविक रूप से शुरू होनेके पहले न तो समाचारपत्रों में और न सार्वजनिक मंचोंपर ही इस प्रकारके आरोप लगाये गये थे। अल्पमतका कहना है कि विस्फोटोंसे पूर्व पंजाब में फैली अशान्तिका एक कारण शिक्षित वर्गके प्रति सर माइकेल ओ'डायरका रुख था और उक्त वर्ग यह आरोप भी