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परिशिष्ट

मुख्य रूप से उन निर्देशोंका है जो मेजर कारबँरीको दिये गये थे; उन्हें तत्क्षण आकाशमें जो फैसला करना पड़ा उसके लिए वे दोषी नहीं ठहरते। समितिका विचार है कि गुजराँवाला शहरमें उपद्रवी भीड़पर बम बरसाना न केवल उचित था, बल्कि उसकी रायमें वह बहुत उपयोगी भी था। काफी हदतक इसी कार्यके परिणामस्वरूप फौज आनेसे बहुत पहले उपद्रव समाप्त हो गये थे। समितिका कहना है कि १५ अप्रैलको आक्रामक कार्रवाईके लिए हवाई जहाजके उपयोगको सही सिद्ध करनेके लिए कोई पर्याप्त कारण नहीं बताया गया है। और वह इस सिफारिशके साथ अपना कथन समाप्त करती है कि ऐसे अवसरोंपर वायुसेनाके अधिकारी कौन-सी पद्धति अपनाएँ इस सम्बन्ध में दी गई हिदायतोंपर वायुसेना के प्रधान कार्यालयको सावधानीके साथ विचार करना चाहिए।

अध्याय ४ में जिसका शीर्षक "सशस्त्र रेलगाड़ियाँ और विमान" है, अल्पमत विमानोंके उपयोगकी चर्चा करता है। वह बहुमतके इस कथन से सहमत है कि असैनिक उपद्रवोंको शान्त करने में जहाँतक हो सके विमानोंका प्रयोग रोकना चाहिए। वह खालसा हाईस्कूल तथा दो बाहरी गांवोंपर बम गिरानेके लिए मेजर कारबैरीकी निन्दा करता है और कहता है कि यद्यपि उन्हें दी गई हिदायतोंकी भाषा काफी सावधानीसे निश्चित नहीं की गई थी फिर भी उनका पालन करनेमें उन्होंने अपने विवेकका उपयोग बुद्धिमत्तापूर्वक नहीं किया। वह यह भी मानता है कि उन्होंने भीड़पर मशीनगनसे जो गोलियाँ चलाईं वे [जरूरत से] बहुत अधिक थीं।

२६. जहाँतक गुजराँवाला में विमानोंके उपयोगके साधारण प्रश्नका सम्बन्ध है, भारत सरकार बहुमतके उस निष्कर्षको स्वीकार करती है जो मुनासिब तौरपर इस प्रकार व्यक्त किया गया है : "हम उपद्रवियोंको ऐसा पट्टा देने को तैयार नहीं कि जब वे सरकारके दमन करनेवाले सामान्य साधनोंके अपने विरुद्ध किये गये उपयोगको रोकने में सफल हो जायें तो बचे हुए साधनोंके उपयोगसे भी उन्हें बरी रखा जाये। हम उन अधिकारियोंकी, जिनका घटना विशेषके सिलसिलेमें उल्लेख किया गया है, निन्दा करना सही नहीं समझते क्योंकि जहाँ उनके कार्योंकी निन्दा की गई है वहाँ उसका कारण अधिकांश में उनके निर्णयकी भूलकी अपेक्षा उनको मिले निर्देशोंकी अस्पष्टता बताया गया है। हमारी रायमें १५ तारीखको आक्रामक कार्रवाईके लिए विमानोंके उपयोगकी अनुमति देनेवाले निर्देशोंके साथ, उनका भेजा जाना उचित नहीं था; किन्तु हम यह ठीक नहीं मानते कि जिस अधिकारीने निर्देश पालन किया उसपर गम्भीर अपराधका दोष लगाया जाये। हमें यह जानकर सन्तोष होता है कि इस तारीखको की गई कार्रवाईसे कोई हताहत नहीं हुआ था। अन्तमें हम बहुमतकी इस सिफारिशको अमल में लाने के लिए उचित कार्रवाई करनेका सुझाव देते हैं कि ऐसे अवसरोंपर वायुसेना के अधिकारियोंको दिये जानेवाले निर्देश सावधानीसे दिये जायें।

२७. गुजराँवाला जिलेमें १५ अन्य स्थानोंपर उपद्रव हुए, परन्तु समिति उन्हीं उपद्रवोंकी चर्चा करती है जो गुजराँवालासे २० मील उत्तरमें स्थित २०,००० की आवादीवाले शहर वजीराबाद, अकालगढ़, हाफिजाबाद तथा शेखूपुरा सब डिवीजनमें