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२८. अपील : जलियाँवाला बाग स्मारक कोषके लिए

अमृतसर

१४ फरवरी, १९२०

जनताको यह सूचित करते हुए मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि पिछली कांग्रेस द्वारा पास किये गये प्रस्तावके अनुसार जलियाँवाला बाग राष्ट्रके लिए अब हासिल कर लिया गया है। कांग्रेसकी इच्छाओंको पूरा करनेके लिए निम्न हस्ताक्षरकर्ताओंकी एक समिति नियुक्त की गई थी। क्रय-मूल्य अन्तिम रूपसे ५,४०,००० (पाँच लाख चालीस हजार) रुपये निश्चित किया गया है, जिसमें खर्चा भी शामिल है, और यह रकम इसी माहकी ५ तारीखसे लेकर ३ महीने के अन्दर विक्रेताओंको अदा कर देनी है। अमृतसरकी राधाकिशन रामकिशन फर्मके मालिक लाला दीवानचन्दको कोषाध्यक्ष और अमृतसरके लाला गिरधारीलालको[१] कोषका मन्त्री नियुक्त किया गया है। अमृतसरके सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब ऐंड सिन्ध बैंक और इलाहाबाद बैंकमें हिसाब रखा जायेगा। चन्दे, इनमें से किसी बैंकको या उनकी शाखाओंको सीधे भेजे जायें और भेजनेकी सूचना कोषाध्यक्ष या मन्त्रीको दे दी जाये। कोषाध्यक्ष और मन्त्रीके हस्ताक्षरोंसे युक्त एक औपचारिक रसीद प्रत्येक दानदाताको भेज दी जायेगी। इस मामलेमें प्रदर्शित किये गये उत्साहको राष्ट्रकी इच्छाका सूचक मानते हुए हम भरोसा करते हैं कि दान देनेवाले लोग बिना व्यक्तिगत आग्रह-अनुरोधकी प्रतीक्षा किये ही अपना चन्दा भेज देंगे। यद्यपि कमसे-कम ६ लाख रुपयेकी जरूरत है, परन्तु हमारा लक्ष्य दस लाखतक संग्रह करने का है। अगर इतना नहीं कर सके तो कुछ कममें भी काम चल जायेगा। यद्यपि हम अभी किसी अन्तिम निष्कर्षपर नहीं पहुँचे हैं, पर फिलहाल हमारा विचार बागको एक उद्यानके रूपमें बदल देनेका है, जिसमें एक सादा-सा स्मारक खड़ा कर दिया जायेगा और इस स्मारकपर कुछ उपयुक्त वाक्य खुदे रहेंगे, जिनसे मृतकोंकी स्मृति स्थायी बन सके और हिन्दू-मुस्लिम एकताकी याद ताजा होती रहे। उसपर एक भी शब्द ऐसा नहीं होगा, जिससे किसीके प्रति कटुता या द्वेष उत्पन्न हो या उसे प्रोत्साहन मिले। इस प्रकारके वाक्योंके सम्बन्धमें तथा जमीनका उपयोग किस तरहसे हो, इसके बारेमें हम सुझाव आमन्त्रित करते हैं। हमारा खयाल है कि इसका उपयोग एक राष्ट्रीय तीर्थस्थलकी तरह किया जाना चाहिए। हम कुछ लोगोंके इस कथनका जोरदार शब्दोंमें खण्डन करना चाहते हैं कि इस स्मारकका उद्देश्य अंग्रेजोंके और हमारे बीच कटुताको स्थायी बनाना है। हम ऐसी किसी इच्छाकी कल्पना भी नहीं कर सकते, परन्तु हम इसे अपना परम कर्त्तव्य मानते हैं कि १३ अप्रैलके उस मनहूस दिन जो कई सौ निर्दोष व्यक्ति गोलीसे मौतके घाट

  1. लाला गिरधारीलाल, पंजाब चेम्बर ऑफ कॉमर्सके उपाध्यक्ष तथा अमृतसर फ्लोर ऐंड जनरल मिसके प्रबन्ध निदेशक।