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२२७. वक्तव्य : समाचारपत्रोंको'

१३ जून, १९२०

खबर है कि दक्षिण आफ्रिकी आयोगने प्रवासियोंको स्वदेश वापस भेजनेकी एक योजनाकी सिफारिश की है और संघ-सरकारने उसे स्वीकार कर लिया है। ऐसा लगता है कि इस योजनाको आमतौरपर पसन्द किया गया है। लेकिन में लोगोंको नम्रतापूर्वक आगाह कर देना चाहूँगा कि वे प्रस्तावित योजनाको स्वीकार न करें।

जनताके सामने आयोगकी अन्तरिम रिपोर्ट नहीं आई है। हम नहीं जानते कि. स्वदेश वापसीकी शर्तें क्या हैं। जिस योजनाकी हमें ठीक और पूरी जानकारी ही नहीं है उसके सम्बन्ध में कोई विचार व्यक्त करने में मुझे तो बहुत खतरा दिखाई देता है। मोटे तौरपर कहें तो प्रवासियोंको स्वदेश लोटानेकी किसी भी योजनाको बहुत ही सन्देह और आशंकाकी दृष्टिसे ही देखना चाहिए, विशेषकर तब जब कि यह योजना उन लोगोंने बनाई हो जो भारतीयोंकी आकांक्षाओंके कट्टर विरोधी हैं। दक्षिण आफ्रि- काके भारतीय दक्षिण आफ्रिकामें इसलिए बने हुए हैं क्योंकि वे वहाँके अधिवासी हैं। मुझे तो बहुत डर है कि प्रस्तावित योजनामें ऐसी कोई बात होगी जिसके अनुसार भारतीयोंको स्वदेश लौटने के प्रतिदानस्वरूप एक छोटी-सी रकम देकर उनसे उनके अधिवासका अधिकार छीन लिया जायेगा; इस रकममें भारत लौटनेके लिए जहाजका खर्चा-भाड़ा और शायद थोड़ा-बहुत जेब-खर्च शामिल होगा। वैसे तो और भी बहुत-से कारण हैं जिनके चलते इस महत्त्वपूर्ण अधिकारको छोड़ा नहीं जा सकता, लेकिन अगर हम सिर्फ इस प्रतिदानकी दृष्टिसे ही देखें तो यह इस महत्त्वपूर्ण अधिकारके त्यागको देखते सर्वथा अपर्याप्त है। मैं तो स्वदेश वापसीके इस तरीकेको कभी भी विशुद्ध रूपसे स्वेच्छाप्रेरित नहीं मान सकता।

लेकिन यह तो प्रस्तावित योजनाके विरुद्ध जो आपत्तियाँ उठाई जा सकती हैं, उनमें से सिर्फ एक है। में तो निस्सन्देह सबसे अच्छा यह मानता हूँ कि जबतक हमारे परीक्षणके लिए पूरी योजना सामने नहीं आ जाती तबतक हम इसके

१. दक्षिण आफ्रिकामें प्रवासियोंकी स्थितिपर विचार करनेके लिए एक जाँच आयोग नियुक्त किया गया था जिसकी बैठक मार्च १९२० में शुरू हुई थी। गांधीजीने यह वक्तव्य इसी आयोग की सिफारिशकि सम्बन्ध में दिया था।

२. इंडिया इन १९२० नामक पुस्तकके अनुसार “अन्तरिम रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि जो भारतीय स्वदेश वापस लौटने के इच्छुक हैं उन्हें स्वदेश लौटनेको प्रोत्साहित करनेके लिए संघ-सरकार द्वारा सभी सुविधाएँ दी जानी चाहिए जिनमें जहाजोंकी व्यवस्था करना और स्वर्ण-निर्यात सम्बन्धी प्रतिबन्ध में ढोल देना भी शामिल हो।"

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