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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जो हुआ है उसका मूल्य पंचके निर्णयकी अपेक्षा कहीं अधिक है। मालिकोंको लगा कि कताई-विभागके मजदूरोंके वेतनमें यदि वृद्धि करें तो अन्य विभागोंके मजदूरोंने क्या बिगाड़ा है? वे इसकी माँग करें और तब हम उन्हें दें, इसकी अपेक्षा पहलेसे ही देने में बड़प्पन है, उदारता है। ये दरें पंचोंने निर्धारित नहीं की; पंचोंने जिन दरोंकी सिफारिश की थी, उनसे ये दरें अधिक हैं और इन्हें मिल-मालिकोंने अपनी खुशीसे निश्चित किया है। इन दरोंको हमें प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार करना चाहिए, इतना ही नहीं बल्कि इनके लिए उन्हें धन्यवाद दिया जाना चाहिए।

ब्लोरूम, कार्डरूम, टोकरियाँ ढोनेवाले, ठेलेवाले, तेलवाला, साइज़र्स तथा फोल्डर्स आदि विभागोंके मजदूरोंके वेतनोंमें यह स्थायी वृद्धि नहीं की गई है; उनको भाई अम्बालालके' हस्ताक्षरयुक्त योजनाके अन्तर्गत की गई वृद्धि यथावत् दी जाती रहेगी, अर्थात् उनके वेतनमें २५ प्रतिशत वृद्धि की गई है। प्रत्येकके कामके घंटे तो एकसे अर्थात् प्रतिदिन १० घंटे ही रहेंगे।

फ्रेमर्सके वेतनमें जो ३५ प्रतिशत वृद्धि की गई थी उसे बढ़ाकर ४० प्रतिशत कर दिया गया है और उन्हें कताई-विभागके मजदूरोंके समान ही बोनस भी दिया जायेगा। इस सम्बन्धमें फ्रेमर्स रत्ती भर भी शिकायत नहीं कर सकते। मिल-मालिकोंने उनके मामले में उदारतासे काम लिया है।

बुनकरों और वार्पर्सके लिए २० के बदले २५ प्रतिशत लिखा था, उसे बढ़ाकर ३३ प्रतिशत कर दिया गया है।

वाइन्डर्सको वर्तमान दरोंपर ४० प्रतिशत अधिक मिलेगा जिसका अर्थ हुआ कि उन्हें एक रुपये से भी अधिक मिलेगा।

सब दरें अच्छी हैं। यह तो सभी कोई स्वीकार करेंगे कि आज जो दरें हैं वे उनकी अपेक्षा अधिक हैं। प्रत्येकको २५ प्रतिशतसे ४० प्रतिशततक वृद्धि मिली है। मुझे उम्मीद है कि सभी इन दरोंका स्वागत करेंगे, ईश्वरका आभार मानेंगे और मालिकोंके प्रति कृतज्ञताका अनुभव करेंगे।

मैंने सुना है कि करघा-विभागके मजदूर भाइयोंके मनमें अभी असन्तोष रह गया है। इस विषयपर मं गम्भीरतापूर्वक विचार नहीं कर पाया हूँ, मुझे समय नहीं मिला। मिल-मालिकोंने इस विषयपर खूब विचार किया है और उनका यह खयाल है कि हड़तालके दिनोंका वेतन मजदूरोंको नहीं माँगना चाहिए।

करघा-विभागके मजदूरोंके असन्तोषकी बातको मैंने मिल-मालिकोंके सामने रखा है। मालिकोंका कहना है कि हमने मजदूरोंके वेतनमें स्वयमेव इतनी वृद्धि की है, और जब हम उसे हमेशाके लिए निर्धारित करना चाहते हैं उस समय करघा विभागके मजदूरोंको जिद नहीं करनी चाहिए। मैं इन मजदूरोंसे अनुरोध करता हूँ, यद्यपि मुझे यह नहीं मालूम कि आप दोनों में से कौन सही है तथापि मिल-मालिकोंने जब इतना किया है तब आप क्या अब उनकी बात नहीं मान सकते ? यदि मिल-मालिक आपकी परीक्षा लेनके लिए ऐसा कर रहे हों तो भी आपके लिए यही उचित है कि आप

१. अम्बालाल साराभाई।