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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

में क्रांति हो गई उसका विवरण, और किस तरह लगभग उसी समयसे रूसका राष्ट्रीय जागरण प्रारम्भ हुआ उसका वृत्तान्त पढ़ना चाहिए। भाषावार क्षेत्रीय विभाजनका प्रश्न लो। मेरे कागजातमें इस विषयपर संग्रह की हुई कुछ सामग्री मिल जायेगी। परन्तु तुम स्वयं भी सामग्री एकत्र कर सकते हो। हिन्दू-मुस्लिम एकताके सम्बन्धमें तुम्हें खिलाफतके सवालपर अधिकार पाना है। तुम्हें श्री बैंकरसे अंग्रेजी साप्ताहिक 'न्यू एज', 'नेशन' वगैरह प्राप्त कर लेने चाहिए। टर्कीके इतिहासका अध्ययन करो। उस- पर जो झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं, उन सभीका इस प्रश्नके एक अध्येताकी तरह उत्तर दो। इन सबमें जब तुम्हारा वित-व्यवस्था-सम्बन्धी ज्ञान मिल जायेगा, तब तुम्हें हर हफ्ते परोसनेके लिए काफी सामग्री मिल जायगी।

मेरा सुझाव यह है कि यह पत्र तुम फाड़ न डालना। बल्कि इसे बार-बार सावधानीसे पढ़ो और मैं तुमसे क्या अपेक्षा रखता हूँ, उसकी याद दिलानेवाली चीजके तौरपर इसे सुरक्षित रखो। बेशक पटवर्धनको' तो यह पढ़वा ही देना। लेकिन इसमें मैंने तुमपर जो जिम्मेदारियाँ डाली हैं, उनमें उनको हिस्सेदार न बनाना । कारण सिर्फ इतना है कि 'यंग इंडिया' का सम्पादन करनेका दायित्व अभीतक मैंने उनपर नहीं डाला है। उन्होंने जो दायित्व लिया है, स्वेच्छासे लिया है और बहादुरीके साथ लिया है; लेकिन अभीतक मैंने यह निश्चय नहीं किया है कि उन्हें कहाँ रखना है। अब- तक 'यंग इंडिया' के लिए उन्होंने जो-कुछ किया है उसे मैं भेंट-स्वरूप मानता हूँ और उसके लिए उनका आभारी हूँ। परन्तु जैसे मैं तुम्हारी कलमसे निकली हुई हर चीजकी आलोचना करूंगा, वैसे ही उनके कामकी आलोचना नहीं करूंगा।

दो अलग-अलग विचारोंको एक साथ मिलाकर उलझनमें न पड़ो। तुम वेतन लेते हो, इसलिए तुम्हारे और पटवर्धनके काममें फर्क नहीं पड़ता। तुम मेरे पास खास तौरसर 'यंग इंडिया' के लिए ही आये हो। पटवर्धन इसलिए आये हैं कि उन्हें कोई भी काम सौंप दूं। मगनलाल वेतन नहीं लेता, लेकिन उसके अधीनस्थ विभागके कामको लेकर मैं बड़ी बेरहमीसे उसकी आलोचना करता हूँ। और जब पटवर्धनको भी किसी विभागका प्रधान बना दूंगा, तो उनके प्रति भी इसी प्रकार व्यवहार करूँगा।

हृदयसे तुम्हारा,

[अंग्रेजीसे]

महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे।

सौजन्य : नारायण देसाई



१. अमरावतीके यादवड़कर पटवर्धन, जिन्होंने बिना किसी मानदेयके एक सालसे अधिक समय तक यंग इंडिया में उप-सम्पादकके रूप में काम किया था।