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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जो डाक्टर है, उससे तुम अपनी परीक्षा भी क्यों न करा लो? यदि में तुम्हारी जगह होता तो तनिक भी आगा-पीछा न करता। परन्तु मैं तुमपर दबाव डालना नहीं चाहता।

मंगल कामनाओं एवं स्नेह सहित,

तुम्हारा,

बापू

[अंग्रेजीसे]
माई डियर चाइल्ड

१३. पत्र: डा० न्यूननको

५ फरवरी, १९२०

प्रिय डा० न्यूनन,

इस पत्रके साथ में 'डेली आरगोजी' से लिया गया एक उद्धरण, जो श्री पोलकसे[१] प्राप्त हुआ है, भेज रहा हूँ। इसमें आप देखेंगे कि ब्रिटिश गियानामें एक ऐसा दल जान पड़ता है जो आपकी योजनाका विरोधी है। वे लोग स्पष्टतः यह मानते हैं कि यह योजना उपनिवेश-योजना (कॉलोनाइजेशन स्कीम) नहीं है, बल्कि ऐसी है, जिसका उद्देश्य मजदूर प्राप्त करना है। क्या आप कृपया मुझे सूचित करेंगे कि यह कौन-सा दल है और आप जिस स्थितितक पहुँचनेकी इच्छा रखते हैं, उसका ठीक स्वरूप क्या है? मैंने 'यंग इंडिया के लिए एक लेख लिखा है, जिसमें मैंने इस विषयपर अपने विचार व्यक्त किये हैं; उसके प्रकाशित होते ही उस अंककी एक प्रति आपको भेज दी जायेगी। 'आरगोजी' के इस उद्धरणने मुझे कुछ विचलित जरूर किया है और इसने मुझे 'यंग इंडिया' के लिए लिखे अपने लेखको एक बार फिर पूर्ण रूपसे दोहरा जानेको प्रेरित किया है। मेरा इरादा है कि जरा-सा अवकाश मिलते ही मैं इस सम्बन्धमें अपने विचार लिख डालूं कि अगर किसी उपनिवेशयोजनाको सन्तोषप्रद होना है और आपमें से जो लोग प्रवासमें विश्वास रखते हैं, कमसे-कम उनका भी समर्थन प्राप्त करना है तो उसे कैसा होना चाहिए।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ७३९३) से।

  1. एच० एस० एल० पोलक; दक्षिण आफ्रिकामें गांधीजीके एक निकट सहयोगी।