आपने जो पत्र भेजे थे, उन्हें वापस भेजता हूँ।
श्री मंगलदास पारेख
अहमदाबाद
गुजराती प्रति (एस० एन० ७०४४) की फोटो-नकलसे।
१४८. पत्र : एडा वेस्टको'
[सिंहगढ़]
३० अप्रैल, १९२०
प्रिय देवी,
मैं आज जहाँ पहुँचा हूँ, यह एक छोटा-सा एकान्त, ऐतिहासिक किला है। आसपासका दृश्य बड़ा भव्य है और मौसम बहुत स्फूर्तिदायक तथा सुहावना। मेरा स्वास्थ्य बहुत गिर गया है। उसीको सुधारनेके लिए यहाँ आया हूँ। साथमें डा० जीवराज मेहता, महादेव देसाई, स्वामी आनन्द, प्रभुदास, बालकृष्ण और दीपक हैं। तुम तो इनमें से केवल प्रभुदासको ही जानती हो। इस पत्रमें मैं दूसरोंका परिचय नहीं दूंगा क्योंकि मैं पत्र जल्दी पूरा करना चाहता हूँ। मारे दर्दके सिर फटा जा रहा है, परन्तु तुम्हारा पत्र हाथ में ले लिया है, तो उत्तर दे ही दूं।
श्रीमती गांधीका स्वास्थ्य बहुत अच्छा चल रहा है। वे हरिलालके बच्चोंकी देख-रेख रखती हैं। फातिमाकी शादी पिछली २० तारीखको एक बहुत ही अच्छे नौजवान से हो गई है। शादी बहुत सादे ढंगसे, बिना किसी धूमधामके हो गई। इसका आयोजन आश्रमके प्रांगण में ही हुआ था। उसके पति अहमदाबाद में ही रहते हैं, इसलिए फातिमासे बराबर भेंट होती रहेगी। इंग्लैंडसे निकाल दिये जानेके बाद श्री कैलेनबैककी तरफसे कोई समाचार नहीं मिला है। मैंने पूछताछ भी की पर कुछ पता नहीं चला।
श्रीमती वेस्टका समाचार सुनकर दुःख हुआ। आशा है अब वे अच्छी हो गई होंगी। मेरी तरफसे हिल्डाको प्यार। क्या वह मुझे कभी याद करती है या मेरा
१. दक्षिण आफ्रिका में गांधीजीके एक अन्तरंग सहयोगी ए० एच० वेस्टकी बहन जिनको गांधीजीने 'देवीबहन' नाम दिया था।
२. पूनाके पास सिंहगढ़का किला। वहाँ गांधीजी २९ अप्रैलसे ४ मईतक रहे थे।
३. छगनलाल गांधी के पुत्र।
४. सरलादेवी चौधरानीका लड़का।
५. हमीदिया इस्लामिया अंजुमन (जोहानिसबर्ग) के एक समयके अध्यक्ष इमाम अब्दुल कादिर बावजीरकी पुत्री। वास्तव में शादी ता० २६ को हुई थी; देखिए “ विवाहका निमन्त्रण ", २०-४-१९२०।
६. साबरमती आश्रम।
७. दक्षिण आफ्रिका में गांधीजोके सहयोगी एवं अभिन्न मिंत्र।