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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

श्री हॉर्निर्मनका निर्वासन

२६ अप्रैलको श्री हॉनिमैनके निर्वासनको एक वर्ष पूरा हो चुकेगा । जनताने इस बीच बम्बई सरकार द्वारा बिना किसी जाँचके जारी किये गये इस इकतरफा आदेशके प्रति अपना जोरदार विरोध कई तरीकोंसे व्यक्त कर दिया है। हम श्री हॉनि मैन की योग्यताका विचार न करें, तो भी बिना मुकदमा चलाये किसी भी ब्रिटिश नागरिकका निर्वासन सभी व्यवस्थाप्रिय नागरिकोंके लिए गम्भीर चिन्ताका विषय है। भारतमें हमें किसी भी प्रजाजनको मुकदमा चलाये बिना निर्वासित करना या अन्य प्रकारसे उसकी स्वतन्त्रतापर प्रतिबन्ध लगाना असम्भव बना देना चाहिए। इसमें ऐसी परिस्थितियाँ ही अपवाद हो सकती हैं जिनमें प्रत्येक सरकारको सामान्य कानूनोंकी कार्रवाई स्थगित करनेका अधिकार मिलना ही चाहिए और हमें यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि यह सिद्ध नहीं हो पाया है कि श्री हॉनिमैनको निर्वासित करने योग्य परिस्थितियाँ मौजूद थीं। इसलिए हम आशा करते हैं कि समस्त प्रसीडेंसीके गाँव-गाँव सभाओंके जरिये माँग की जायेगी कि श्री हॉर्निमैनको निर्वासित करनेकी आज्ञा अविलम्ब रद कर दी जाये।

जलियाँवाला बाग-स्मारक

यदि बम्बईको हो क्षेत्र भारतको स्थितिका सूचक माना जाये तो राष्ट्रीय सप्ताह- को सफलता मिली है। तीनों सभाएँ पूरी तरह सफल रही हैं। सरकार रौलट ऐक्ट, खिलाफतके प्रश्न और पंजाबकी दुःखद घटनाके सम्बन्धमें देशकी राय जानती है। उपवास और प्रार्थनाको किस हदतक अपनाया गया था यह जानना कठिन है। किन्तु इसमें कोई सन्देह नहीं कि लोगोंने एक खासी बड़ी तादाद में इस अनुशासनका उचित धार्मिक भावसे पालन किया था। किन्तु राष्ट्रीय सप्ताहकी सफलताका सबसे अधिक प्रभावशाली प्रदर्शन जलियाँवाला बाग-स्मारकके प्रस्तावके प्रति लोगोंके उत्साहमें हुआ है। नित्य प्रकाशित की जानेवाली सूचीसे दानी सज्जनोंकी उदारता और अपीलकी लोकप्रियता प्रकट होती है। किन्तु जनताको अभी इस बातकी पर्याप्त जानकारी नहीं है कि हमारी महिलाओंने और उन लोगोंने भी जिन्हें अभीतक राष्ट्रीय भावना छूतक नहीं पाई थी, इसके लिए कितनी तत्परतासे स्वयं आगे बढ़कर सहायता दी है। महिलाओंका एक दल लोगोंसे व्यक्तिशः सहायता लेनेके लिए गया था और उसका परिणाम अत्यन्त उत्साहवर्धक निकला। ढेढ़ों और भंगियोंतक ने स्मारकके लिए चन्दा इकट्ठा किया। सुदुर स्थित और निकटवर्ती सभी स्थानोंसे सूचियाँ आ रही हैं। सुदूरस्थ चम्पारनतक से चन्दे मिले हैं। आशा है कि जिन लोगोंको रकमें मिली हैं, वे उन्हें अविलम्ब अमृतसरके लाला गिरवारीलालको भेज देंगे। उन्हें स्मरण रखना चाहिए कि खरीदकी कीमतका बाकी हिस्सा चुकानेका दिन निकट आ गया है।

[अंग्रेजी से]

यंग इंडिया, २१-४-१९२०