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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

आश्रम में ही रहते हैं, की बड़ी लड़की बहन फातिमा बीबीका विवाह अहमदाबादके सैयद हुसैन मियां उरेजीके साथ २६ अप्रैल, सन् १९२० तदनुसार हिजरी सन् १३३८ की ६ शाबानको सोमवारके दिन, शामके सात बजे होगा। साढ़े छः बजे मौलूद शरीफ' आरम्भ होगा। यदि आप इस शुभ अवसरपर उपस्थित होकर वर-कन्याको आशीर्वाद देंगे तो मैं आपका अत्यन्त आभारी होऊँगा।

मोहनदास करमचन्द गांधी

मुद्रित गुजराती प्रति (एस० एन० ७१६२) से।

१२२. पत्र : देवदास गांधीको

बम्बई

मंगलवार [२० अप्रैल, १९२०]

चि० देवदास,

इस बार तो एक दिन भी ऐसा नहीं गया जब मैंने तुम्हें पत्र न लिखा हो, लेकिन उत्तरमें तुम्हारी ओरसे कोई पत्र नहीं आया। इसीसे मुझे चिन्ता हो गई है कि कदाचित् तुम्हें मेरे पत्र मिले ही न हों। में उनपर पता तो बिलकुल ठीक देता हूँ।

ह्यामी हमाशी नामक जापानी सज्जनके सम्बन्ध में बाबू अरविन्द घोषके साथ तुम्हारी कोई बातचीत हुई थी ? इस विषय में कुछ जाँच हो रही है। मैंने तुम्हारे [वहाँ] जानेके बारे में पूरी जानकारी दे दी है। हमारे पास छिपाने के लिए क्या चीज़ हो सकती है? जाँच बिलकुल निर्दोष है।

विलायत जाना अभी निश्चित नहीं हुआ है। आज शामको मुसलमान भाइयोंसे मिलनेवाला हूँ, उनसे बातचीत करने के बाद तय होगा। मैं स्वयं वहाँ जानेको विशेष उत्सुक नहीं हूँ लेकिन [इस सुझावका] एकदम विरोध भी नहीं करना चाहता। मैं यहाँ ज्यादासे-ज्यादा २३ तारीखतक रहूँगा। जल्दीसे-जल्दी २२ तारीखको यहाँसे प्रस्थान करूंगा।

१. मुहम्मदको जन्मकथा।

२. पत्रमें मजदूरोंके सामने दिये गये गांधीजीके जिस भाषणका उल्लेख है वह १८ अप्रैल, १९२० को दिया गया था और उस तारीखको रविवार पड़ता था। अतः यहाँ जो “ कल लिखा गया है वह स्पष्टतः गलतीसे "परसों" के लिए लिखा गया होगा।

३. अरविन्द घोष (१८७२-१९५०); रहस्यवादी, कवि और दार्शनिक; १९१० से पांडिचेरीमें जाकर बस गये थे।

४. खिलाफतके प्रश्नके सम्बन्ध में।