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१२०. पत्र: महादेव देसाईको

भाईश्री महादेव,

तुम्हारा पत्र मिला। मुझे फुर्सत हो या न हो लेकिन जैसे भोजन प्रिय है वैसे ही कुछ पत्र भी अच्छे लगते हैं, इसलिए जैसे भोजनके लिए वैसे उन पत्रोंको पढ़नेके लिए भी मैं समय निकाल लेता हूँ।

मैं २० तारीखको बम्बई पहुँचूँगा--तुम अगर बहुत जरूरी हो तो २१ तारीख- तक रुककर २२ को बम्बई आना--अगर जाना ही हुआ तो भी उम्मीद है कि पहली मईसे पहले न होगा। कपड़ोंके बारेमें वहीं निश्चित करेंगे। २६ तारीखको फातिमाका विवाह है तब तो मुझे वहाँ भी पहुँचना होगा। उस समय तुम्हें यहीं रहना हो तो यहीं रहना, बम्बई रहना चाहो तो वहाँ रह सकते हो और विलायत न जायें तो सिंहगढ़ – सिंहगढ़में बालकृष्ण और प्रभुदास अशान्त हैं।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती पत्र (एस० एन० ११४०७) से।

[२० अप्रैल, १९२० के पूर्व ]

१२१. विवाहका निमन्त्रण-पत्र

७८६

सत्याग्रहाश्रम

साबरमती

२० अप्रैल, १९२०

प्रिय भाई,

मेरे भाई समान प्रिय बन्धु इमाम साहब अब्दुल कादिर बावजीर, जो पिछले कई वर्षोंसे दक्षिण आफ्रिकासे ही मेरे साथ रहते आये हैं और जो वहाँ भी मेरे साथ

१. पत्रमें फातिमाके विवाहका जिक्र आया है जो २६ अप्रैल, १९२० को हुआ था; देखिए अगला शीर्षक। गांधीजी २० अप्रैल, १९२० को, जैसा कि उन्होंने पत्रमें लिखा भी है, बम्बई पहुँचे थे।

२. खिलाफत शिष्टमण्डलके सम्बन्धमें इंग्लैण्डको।

३. अस्पष्ट है।

४. अर्थात् बिस्मिल्लाहिर रहमानिर् रहीम।

५. मूलमें यहाँ हायसे “देवदास गांधी" लिखा हुआ है।