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भाषण:राष्ट्रीय सप्ताह सभा में

राष्ट्रोत्थान होनेकी सम्भावना है वहाँतक, सहयोग देनेकी तत्परता दिखाई।' आज, जबकि विधान-पुस्तकमें रौलट अधिनियम एक ऐसे अस्त्रके रूपमें मौजूद है जिसका उपयोग सरकार किसी भी क्षण जनता या उसकी कार्रवाइयोंका दमन करनेके लिए कर सकती है, कांग्रेसने सरकारसे सहयोग करनेकी तत्परता प्रकट करके अपनी उदारता दिखाई है। यह प्रस्ताव सरकारको आमन्त्रित करता है कि वह सुधार-योजनाके अधीन संगठित की जानेवाली नई विधान-सभाका " अधिवेशन प्रारम्भ होनेसे पूर्व ही रौलट अधिनियमको रद करके इस उदारताका सही प्रत्युत्तर दे। श्री पटेलने इस बातकी ओर भी ध्यान दिलाया है कि अगर सरकार द्वारा नई विधान-सभाकी बैठक प्रारम्भ होने से पूर्व रौलट अधिनियम रद नहीं किया जाता तो इसे रद करनेवाला विशेष कानून पास कराने में कठिनाई होगी। उन्होंने ठीक ही कहा है कि अभी तो वाइसरायको सिर्फ इस बातकी तसदीक भर कर देनी है कि अमुक कानून देशकी शान्तिके लिए खतरनाक और इस तरह उसकी प्रगतिमें बाधक है। लेकिन मेरा खयाल है कि अगर सरकार अपने कर्तव्यका पालन नहीं करती तो ऐसे किसी बुरे परिणामके निराकरणके और उपाय भी हैं। मुझे इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है कि यह कानून नई विधान- सभाके पहले अधिवेशन में ही रद कर दिया जायेगा। लेकिन अगर यह नई विधान-सभा भी अपना कर्त्तव्य नहीं निभा पाती और अपने निर्धारित समयसे पहले यह अधिनियम

  • रद नहीं हुआ तो मैं आपको भरोसा दिलाता हूँ कि जबतक बुट्ठी-भर सत्याग्रही

जीवित रहेंगे तबतक देश शान्ति नहीं होगी।

इसलिए इस प्रस्तावका अनुमोदन करते समय मेरे मन में कोई भय और निराशा नहीं है, बल्कि में पूरे विश्वासके साथ इसका अनुमोदन करता हूँ,और इसे भारतकी जनताके इस निश्चित संकल्पके रूप में आपके सामने प्रस्तुत करता हूँ कि जिस घृणित कानूनके कारण इतने सारे लोगोंको ऐसी मुसीबतें उठानी पड़ी हैं उसे वह रद करवा-कर रहेगी।

[अंग्रेजीसे]

बॉम्बे क्रॉनिकल, ७-४-१९२० और ८-४-१९२०



१. दिसम्बर १९१९ में अमृतसरके कांग्रेस अधिवेशन में।

२. सन् १९१९ के सुधार अधिनियमके अन्तर्गत संगठित की जानेवाली केन्द्रीय विधान-सभाके सदस्योंका निर्वाचन नवम्बर १९२० में होनेवाला था।

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