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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

सरदार प्रीतमसिंह वकील गिरफ्तार नहीं किये गये थे। उन्होंने १९ अप्रैलकी शामको मार्शल लॉकी घोषणाके बाद उसे लागू होते हुए देखा था। वे उसका वर्णन इन शब्दों में करते हैं:

सब-डिवीजनल अफसर, रायसाहब श्रीरामने स्वयं ही घोषणा पढ़कर सुनाई और उन्होंने पूरी घोषणा पढ़ चुकनेके बाद लोगोंको बताया कि यदि दूसरी बार हड़ताल हुई तो उन्हें अधिकार है कि वे लोगोंपर गोली चलायें।उन्होंने इस अवसरपर अपनी छड़ीकी नोकसे कई सम्माननीय वृद्ध लोगोंकी ठुड्डी भी कोंची।

इसके बाद मशीनगनोंके जिस प्रदर्शनकी चर्चा हंटर कमेटी के सामने की गई उसका वर्णन करते हुए वे कहते हैं:

अप्रैल माहके अन्तमें ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों की एक टुकड़ीने सर-कारकी शक्ति जतानेकी गरजसे बन्दूकोंसे लैस मोटरों और मशीनगनोंका एक प्रदर्शन किया था। मशीनगनोंके सामनेकी तरफके एक टोलेपर लोहेके कई टुकड़े रख दिये गये। मशीनगनोंसे उन टुकड़ोंको छेद देनेके बाद वे टुकड़े लोगोंको दिख-लाये गये। अफसरोंके हुक्मसे उन्हें यह तमाशा देखनेके लिए मजबूर किया गया था। फिर लोगोंसे कहा गया कि यदि उन्होंने सरकारके खिलाफ फिर कोई बगावत की तो उनको इन्हीं मशीनगनोंका निशाना बनाया जायेगा। पर शक्तिके इस प्रदर्शनसे पहले लेफ्टिनेंट-गवर्नर द्वारा जारी की गई एक घोषणा पढ़कर सुनाई गई थी, जिसमें उन्होंने लोगोंसे अपील की थी कि वे स्थितिको सामान्य बनानेमें सरकार के साथ सहयोग करें।

शक्तिके इस प्रदर्शनके साथ-साथ सहयोग की अपील करना कुछ विचित्र और बेमेल-सा लगता है।

७ मईको या उसके आसपास एक दूसरा प्रदर्शन किया गया। वह कुछ भिन्न प्रकारका था। उसका मंशा केवल आतंकित करना नहीं बल्कि अपमानित करना भी था। हम फिर इसी गवाहके शब्दों में इसका वर्णन देते हैं:

उन्होंने वहाँके सभी लोगोंको धूपमें जमा किया। उनमें वे वकील भी शामिल थे जो गिरफ्तार नहीं हुए थे। वकीलोंको दूसरे लोगोंसे अलग करके दो कतारों में खड़ा कर दिया गया। आगेकी कतारमें वे लोग थे जो ६ अप्रैलकी सभामें शामिल नहीं हुए थे और पीछेकी कतारमें वे लोग थे जो सभामें गये तो थे पर उन्होंने सक्रिय रूपसे कोई भाग नहीं लिया था। इसके बाद श्री बॉसवर्थ स्मियने अपना भाषण शुरू किया और भारतीय वकीलोंको अपने भाषण-का मुख्य विषय बनाया। उन्होंने अन्य बातोंके साथ-साथ यह भी कहा किभारतके वकील कमीन लोग हैं, जिन्होंने सरकारके खिलाफ आन्दोलन किया और बेकसूर जमींदारोंको अपना साधन बनाया है। उन्होंने मुझसे व्यक्तिगत रूपसे