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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

ढंगके थे। अतः हमने उनकी और भी जांच-पड़ताल करनेके लिए बैरिस्टर श्री लाभ- सिंह एम० ए० को, जो पहले प्रोफेसर भी रह चुके हैं, वहाँ भेजा। वे जो बयान अपने साथ लाये उनको हम अपने लिये हुए बयानोंके रूपमें ही यहाँ पेश कर रहे हैं। गवाह तेजासिंहने उनके सामने यह बयान दिया था:

पुलिसने गाँववालोंको बेंगलेपर बुलाया था। अभी मैं बँगलेकी तरफ रवाना नहीं हुआ था। इसी बीच श्री बॉसवर्थ स्मिथने मेरी मौजूदगी में मुन्शी नवाबदीन और लहनासिंहको बुरी तरह पीटा। उन्होंने उनसे कहा कि भाई मूलसिंहके खिलाफ गवाही दो और उन्हें यह कहनेपर मजबूर किया कि उन्होंने सरकारके खिलाफ भाषण दिया था। उनको एक पुलिसवालेकी हिरासतमें छोड़कर और उसे बॅगलेपर ले जानेका आदेश देकर श्री बॉसवर्थ स्मिथ औरतोंकी तरफ गये। उन्होंने उनके चेहरोंसे बुर्के हटा दिये और भद्दी गालियाँ देना शुरू किया । उन्होंने उनको “मक्खी, कुतिया, गधी" इत्यादि कहा और इनसे भी बुरी बातें कहीं। उन्होंने औरतोंसे कहा: "पुलिसके सिपाही तुम्हारे सुत्थनों - पजमियोंकी तलाशी लेंगे। तुम सब जब अपने खाविन्दोंके साथ लेटी हुई थीं तो तुमने उनको उठकर जाने क्यों दिया। उन्होंने औरतोंपर थूका भी। (बयान ५८०)

मंगल जाटकी बूढ़ी विधवा गुरदेवीने श्री लाभसिंहके सामने यह बयान दिया : मार्शल लॉके दौरान एक दिन श्री बॉसवर्थने हमारे गाँवके ८ सालसे ऊपरकी अवस्थाके सभी आदमियोंको, जो जाँच चल रही थी उसके सिलसिले में बॅगलेपर इकट्ठा किया। बँगला हमारे गाँवसे कुछ मील दूर है। लोग जिस वक्त बॅगलेपर इकट्ठे थे, श्री बॉसवर्थ उसी बीच हमारे गाँव आये और अपने मौके लिए खाना लेकर बॅगलेकी ओर जाती हुईं औरतोंको रास्तेसे लौटा लाये। गाँव पहुँचकर वे गली-गलीमें जाकर सभी औरतोंको घरसे बाहर निकल आनेका आदेश देते घूमने लगे। वे खुद भी छड़ीसे कोंच-कोंचकर औरतोंको बाहर निकाल रहे थे। उन्होंने हम सबको गाँवके दायरेके' निकट लाकर खड़ा करवाया । औरतोंने उनके सामने हाथ जोड़ लिये। उन्होंने कुछ औरतोंको छड़ीसे पीटा, उनपर थूका और ऐसी गन्दी-गन्दी गालियाँ दीं जो जुबानपर नहीं लाई जा सकतीं। उन्होंने मुझे दो बार छड़ी मारी और मेरे मुँहपर थूका। उन्होंने जबरन सभी औरतोंके चेहरे अनावृत्त कर दिये, अपनी छड़ीसे उनके बुरके हटा दिये। उन्होंने उनको “कुतिया, गधी, मक्खी, सुअरनी" इत्यादि कहा और बोले " तुम अपने खाविन्दोंके साथ एक ही बिस्तरपर लेटी थीं, फिर तुमने उनको शरारत करनेके लिए जानेसे क्यों नहीं रोका? अब पुलिसके सिपाही तुम्हारे सुत्यनोंकी जाँच करेंगे।" उन्होंने मुझे एक लात भी भारी और हमसे मुर्गा बननेको कहा। (बयान ५८२)

१. सभाओंके लिए एक सार्वजनिक स्थान।