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पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्ध कांग्रेसकी रिपोर्ट

हमारा खयाल है कि अकालगढ़ और रामनगरको इतनी जिल्लत, इतना अपमान, बेहिसाब परेशानी और स्वतन्त्रता तथा वनकी हानि सिर्फ इसलिए सहनी पड़ी कि कर्नल ओ'ब्रायन जनताको पूरी सख्तीके साथ एक सबक सिखानेपर तुले हुए थे. उन लोगोंको जो जीवनमें पहली बार राष्ट्रीय चेतना महसूस करने और सार्वजनिक मामलोंमें रुचि लेने लगे थे। वहाँ एक सर्वथा बेईमान और सिद्धान्तहीन किस्मके अधिकारीकी मौजूदगीके कारण इस अत्याचारने और भी उग्र रूप धारण कर लिया। यह अधिकारी था---मलिक साहब खाँ, जिसका नाम इन गाँवोंके बारेमें हमारे इकट्ठे किये हुए बयानों में बार-बार आता है।

हाफिजाबाद

हाफिजाबाद अकालगढ़से १५ मील दूर, वजीराबाद-लायलपुर रेलवे लाइनपर स्थित है। यह एक काफी बड़ी मण्डी है। इसकी आबादी ५,००० से ऊपर है।

लाहौर और अमृतसरमें १० तारीखको अधिकारियों द्वारा की गई ज्यादतियोंके विरोधस्वरूप हड़तालकी भावना मानो रेलवेकी पटरी-पटरी आगे बढ़ रही थी, और हाफिजाबाद भी पहुँच चुकी थी । यहाँ १४ अप्रैलको मुकम्मल हड़ताल हुई। लोगोंकी भीड़ स्टेशनकी तरफ गई । उसमें शराब पिये हुए निठल्ले लोग ही ज्यादा थे। इस भीड़ने स्टेशनसे करीब ३०० गजकी दूरीपर एक रेलवे फाटकके पास ट्रेन रोक दी और पहले दर्जेमें अपने छोटे बच्चेके साथ सफर करते हुए लेफ्टिनेंट टंटमपर वहशियाना हमला कर दिया। लोगोंने डिब्बेकी खिड़कियोंके कांच तोड़ डाले। इस बीच उसी भीड़के दूसरे लोगोंने इस बर्बरताका विरोध किया और अपनी जानकी जोखिम उठाकर भी लेफ्टिनेंट टैटमको बचा लिया । लेफ्टिनेंट टैटमके कहनेपर ट्रेनका ड्राइवर गाड़ीको वहाँसे तेजीसे चलाकर ले गया और वह सही-सलामत वजीराबाद पहुँच गई। १५ तारीखको तोप नामक एक शराबी करीब सौ लोगोंका एक जत्था लेकर स्टेशन गया। उन लोगोंने तार तोड़ डाले और रेलवेके प्वाइंट्स मैनकी झोंपड़ीको नुकसान पहुँचाया। तोपको हिरासतमें ले लिया गया । भीड़ उसके पीछे-पीछे तहसीलतक गई और वहाँ पत्थर फेंककर उसने खिड़कियाँ तोड़ डालीं । इसपर बन्दूकसे हवामें एक गोली दागी गई, और भीड़ तितर-बितर हो गई।

कर्नल ओ'ब्रायन २२ अप्रैलको हाफिजाबाद गये। उसके बाद वही सब-कुछ हुआ जो हम अकालगढ़ और अन्य स्थानोंके बारेमें पहले बतला आये हैं। उसका परिणाम यह हुआ कि सारी जनताके दिलमें आतंक बैठ गया।

बिहारीलाल कपूरको उनके नौकरके साथ, ट्रेनपर हुए हमलेके सिलसिलेमें, उनके अपने बयान में बतलाये गये कारणोंसे गिरफ्तार किया गया। वे कहते हैं कि उनके खिलाफ गवाहोंके तौरपर दो लड़कों और एक सरकारी कर्मचारीको पेश किया गया

१. समाचार था कि गुजराँवालाकी पुलिस १२१ लोगोंकी गिरफ्तारीके वारंट लेकर हाफिजाबाद गईं । वारंटमें न तो गिरफ्तार किये जानेवाले लोगोंके नाम थे और न उनका हुलिया या दूसरा कोई विवरण हो; पर पुलिसने उसी वारंटपर हाफिजाबादके १२१ निवासियोंको गिरफ्तार कर लिया।

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