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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

बिना किसी हिचकके कानून तोड़नेवाले जन-समूहपर गोली चलाने की छूट थी।(बयान ३०९)

हमारे सामने जो साक्ष्य है, उससे यह भी पता चलता है कि गिरफ्तारीसे बचने या झूठी शहादत देने से बचने के इच्छुक व्यक्तियोंसे पुलिस खुलेआम रिश्वत लेती थी और उसे खुलेआम रिश्वतें दी जाती थीं।

लोगोंसे बहुत-सी चारपाइयाँ छीनकर उपयोगके लिए सैनिकोंको दे दी गईं। उनके बदले उन्हें न तो पैसा दिया गया और न चारपाइयाँ ही लौटाई गईं। (बयान ३१०,पृष्ठ ४२३)

गुजराँवालाकी तरह, वजीराबादमें भी कर्फ्यू लगा दिया गया, और स्कूली बच्चोंको स्कूल जाकर प्रतिदिन तीन बार हाजिरी देने और यूनियन जंकको सलामी देनेपर मजबूर किया गया । “उनको बहुत ही परेशानी होती थी खास तौरसे यों कि दोपहरकी तपती धूप में उनको काफी लम्बा फासला पैदल तय करना पड़ता था। (बयान ३११,पृष्ठ ४३४)

सरदार जमीयतसिंहकी जायदादकी जब्तीकी बात पहले ही बतलाई जा चुकी है। अब जरा यह देखिए कि यह सब किया कैसे गया। उनके पुत्रने अपने बयान में कहा है:

डिप्टी कमिश्नर और अन्य अधिकारी लोग जब हमारी दुकानके पास पहुँचे तो मुझे पता चला कि मेरे पिताके खिलाफ भी वारंट जारी किये गये हैं। पुलिसने हमारे रहनके मकान और बैठककी तलाशी ली और मेरी मौजूदगीमें घरकी औरतोंको बुरा-भला कहा। इसके बाद उन्होंने पूछा कि जमीयर्तासंह कहाँ गये हैं, या उन्हें कहाँ छिपा रखा है (बयान ३११, पृष्ठ ४३१)

हालांकि उनके पुत्रने पुलिसको निश्चित तौरपर बतला दिया था कि उसके पिता जम्मू गये हुए हैं, लेकिन वह उसे बराबर तंग करती रही । २१ अप्रैलको जब्तीका हुक्म निकाल दिया गया। चार महिलाओं और छ: नाबालिग बच्चोंको खड़े-खड़े घरसे बाहर निकाल दिया गया।

औरतोंके बदनपर सिर्फ वही चन्द कपड़े थे जो सम्भ्रान्त कुलकी पर्वानशीन औरतें आमतौरपर घरोंके अन्दर पहने रहती हैं। बच्चोंके बदनपर तो और भी कम कपड़े थे, और कुछ बच्चे तो सचमुच नंगे ही अहातेमें बाहर खेल रहे थे। उन लोगोंने औरतोंको जूतियाँतक नहीं पहनने वीं, और नंगे खेलते बच्चोंको नंगा ही घरसे बाहर निकाल दिया। इस तरह एक ऐसे लखपति आदमीके परिवारको, जिसने स्कूलों, कालेजों, धर्मशालाओं और अन्य धर्मार्थ संस्थाओंको हजारों रुपये चन्देमें दिये थे, और जिसने गाढ़े वक्तमें नगरके सैकड़ों लोगोंकी मदद की थी, उस दिन बेघरबार और रोजमर्राकी जरूरियातके लिए मोहताज कर दिया गया। (बयान ३११, पृष्ठ ४३२)

इन महिलाओंको इस तरह घरसे निकालना कितना जघन्य कृत्य था, इसको वही समझ सकते हैं जो जानते हैं कि पर्दानशीन औरतें घरमें क्या पहनती हैं और