पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 17.pdf/२६८

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२३६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

निकाला जा रहा है, १५की छात्रवृत्तियाँ बन्द की जा रही हैं, और साथ ही ११२ विद्यार्थियोंको अन्य छोटे-मोटे दण्ड दिये जा रहे हैं।

दयार्लोसंह कालेज में ७ विद्यार्थियों को स्थायी तौरपर निकाला जा रहा है,५को एक वर्षके लिए निकाला जा रहा है, १४को एक कक्षा पीछे उतारा जायेगा, १४को तीन महीनेके लिए कक्षामें आनेसे वर्जित किया जायेगा, २की छात्रवृत्तियाँ कुछ समयके लिए बन्द कर दी जायेंगी और २२४ विद्यार्थियों को छोटे-मोटे दण्ड दिये जायेंगे, जबकि २४५ विद्यार्थियोंसे भविष्यमें नेकचलनीके लिए बड़ी-बड़ी जमानतें माँगी जायेंगी।

कमान अधिकारीका खयाल है कि आपके लिए अच्छा यही होगा कि आप ऐसे दण्डोंका प्रस्ताव रखें जिससे उनको आपका कालेज बन्द करनेकी जरूरत न पड़े। साथमें मैं यह भी बतला दूं कि कमान-अधिकारीका विचार है कि आप जो अनुशासनात्मक कार्रवाई करनेका प्रस्ताव रखें वह किसी कदर उन दण्डोंसे कम नहीं होनी चाहिए जिनकी ओर मैंने आपका ध्यान आकर्षित किया है।

अन्तमें, में यह भी बतला दूं कि लाहौर सिविल एरियाके कमान-अधि-कारी आपका यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर सकते कि जुर्मानेके रूपमें वसूल की गई राशिका थोड़ा भी अंश ब्रिटिश सैनिकोंके लिए स्थापित 'कम्फट्स फण्ड 'में दे दिया जाये।

(हस्ताक्षर) डब्ल्यू० बार्न्स, मेजर,

स्टाफ ऑफिसर

लाहौर सिविल कमाण्ड

इसके बाद एक आदेश जारी किया गया कि दोसे अधिक भारतीयोंका साथ- साथ चलना अपराध माना जायेगा । प्रस्तावनामें कहा गया था : 'चूंकि हिंसा या संत्रासको रोकना जरूरी था, और यदि दोसे अधिक 'देशी लोग' साथ चल रहे हों और किसी यूरोपीयके सामने पड़ जानेपर वे उसके लिए रास्ता न छोड़ें तो उससे शान्ति भंग होने की आशंका है ... कर्नल जॉन्सनने जब सर चिमनलालके सामने यह उद्धरण रखा तो सर चिमनलालने उनसे यह तथ्य मनवा लिया कि शान्ति-भंग 'देशी लोग' नहीं बल्कि यूरोपीय ही करते, और भारतीयोंको यह कष्ट सिर्फ इसलिए उठाना था कि किन्हीं दो भारतीयोंको एक साथ बराबर-बराबर चलते देखकर यूरो- पीय नाराज न हो जायें और इस तरहसे शान्ति-भंग न कर दें। मोटरकार रखने- वाले भारतीयोंको उनकी कारोंसे वंचित करना उचित ठहराते हुए उन्होंने सर चिमन- लालको उसका एक कारण यह बतलाया था कि “वे जनताके दिमाग में बैठा देना चाहते थे कि उसको यह खेल नहीं खेलने दिया जा सकता और यह भी कि लाहौर- में बगावत नहीं होने दी जायेगी।

नीचे दिये गये प्रश्नोत्तरसे कर्नल जॉन्सन के शासनके दुष्परिणाम पूरी तौरपर प्रकट हो जाते हैं ।