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पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्धमें कांग्रसकी रिपोर्ट

कि और ज्यादा विद्यार्थियों को इसलिए दण्डित नहीं किया गया कि उससे अना-वश्यक उत्तेजना फैलेगी, जो समाजके लिए खतरनाक होगी।

इसके एक-दो दिन बाद हमारे पास उत्तर आया कि जो दण्ड दिये गये हैं वे अपर्याप्त हैं और जितने विद्यार्थियोंको दण्डित किया जाना चाहिए था उतनोंको दण्डित नहीं किया गया है। इसपर फिर कालेज कौंसिलकी बैठक बुलाई गई, और कुछ विद्यार्थियोंके नाम पहलेवाली सूचीमें जोड़ दिये गये और कुछके दण्ड बढ़ा दिये गये। दूसरे दिन डिप्टी कमिश्नरने हमको लिखा कि वे उन दण्डोंको ठीक समझते हैं। साथमें उन्होंने पहले वसूल किये गये, ढाई सौ रुपये के जुर्मानेकी रकमका एक चेक भी भेज दिया था। (बयान १५१, पृष्ठ २०१)

जो दण्ड विद्यार्थियोंको दिये गये थे, वे थे कालेजसे कुछ अवधिके लिए निष्कासन, परीक्षामें न बैठने देना आदि; और यह सब उन्हें बिना किसी सफाई-सुनवाईका मौका दिये किया गया। कर्नल जॉन्सन ने डी० ए० वी०. कालेजके प्रिन्सिपलके नाम १० मईको जो पत्र लिखा था, उससे इस अधिकारीके रुखका बिलकुल ठीक पता चलता है। इसलिए हम आगे और कुछ न कहकर उस पत्रको ही ज्योंका-त्यों उद्धृत कर रहे हैं :

स्टाफ आफिसर, लाहौर (सिविल) कमांड, पंजाब क्लब, लाहौरकी ओरसे प्रिंसिपल डी० ए० वी० कालेज, लाहौरके नाम दिनांक १० मई, १९१९ को लिखे पत्र सं० १११-१४ की प्रति ।

लाहौर (सिविल) एरियाके कमान-अधिकारीने आपके दिनांक ७के पत्रपर सावधानीसे विचार कर लिया है। मुझे उसके उत्तरमें यह लिखनेका आदेश दिया गया है कि उसमें जिस अनुशासनात्मक कार्रवाईकी बात कही गई है उसको कर्नल जॉन्सन बिलकुल ही नाकाफी मानते हैं, क्योंकि उनके पास जो तथ्य मौजूद हैं, वे साबित करते हैं कि राजद्रोहात्मक कार्रवाइयोंमें आपके कालेजके विद्यार्थी तो लाहौरके सभी दूसरे कालेजोंके विद्यार्थियोंसे आगे बढ़ गये हैं।और मुझे कहना यह है कि यदि आप आज ही ऐसे दण्डोंकी सूची बनाकर नहीं भेज देते जो उनकी रायमें आपके कालेजकी बदनामीको ध्यानमें रखते हुए पर्याप्त हों तो, कमान अधिकारीके सामने सिवा इसके कोई चारा नहीं रह जायेगा कि वे तुरन्त ही डी० ए० वी० कालेजको बन्द कर वे और उसके सभी विद्यार्थियोंको आगामी परीक्षाओंमें न बैठने दें।

मुझे आदेश दिया गया है कि दण्डोंका एक मान निर्धारित करनेमें आपकी सहायता के लिए मैं आपको बतला दूं कि गवर्नमेंट कालेजमें ६ विद्यार्थियोंको कालेजसे निकाला और इस विश्वविद्यालयके किसी भी कालेजमें प्रवेश पानके अधिकारसे वंचित किया जा रहा है, ६ विद्यार्थियोंको आगेकी किसी भी परीक्षामें बैठने के अधिकारसे वंचित किया जा रहा है, ६को एक वर्षके लिए कालेजसे