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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

उनका रेलवे यात्रा सम्बन्धी आदेश आम जनतापर लागू होने के साथ ही वकीलोंके मुंशियों और अरदलियोंपर विशेष तौरपर लागू होता था । सर चिमनलाल सीतलवाडने पूछा था:

आदेश संख्या ६ में आपने कहा है कि "मेरे पास यह विश्वास करनेके पर्याप्त कारण मौजूद हैं कि वकीलोंके मुंशी उनके अहलकार और चपरासी लोग राजद्रोहात्मक प्रचार करने में लगे हुए हैं ? और इसलिए आपने एक आदेश जारी करके उनपर अनुमति पत्र लिये बिना लाहौर सिविल कमाण्डसे बाहर जानेपर प्रतिबन्ध लगा दिया और आपने प्रत्येक वकीलको अपने उन सभी मुंशियों,अहलकारों या चपरासियोंकी पूरी-पूरी सूची पेश करनेका आदेश दिया जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूपसे उनके लिए काम कर रहे थे।

कर्नल जॉन्सनने इसका स्वीकारात्मक उत्तर दिया। और जब उनसे पूछा गया कि इस आदेशका उनके पास क्या आधार था, तो उन्होंने स्वीकार किया कि प्रमाण तो केवल जबानी ही था।

सभी जानते हैं कि वकील तबकेके विरुद्ध यह पूर्वग्रहकी भावना किस सीमातक पहुँच गई थी और किस तरह पंजाबसे बाहरके वकीलोंको महज इस आधारपर पंजाब में प्रवेश नहीं करने दिया गया कि वे भी राजद्रोहपूर्ण विचारोंका प्रचार कर सकते हैं। श्री मनोहरलाल-जैसे पुराने, सम्माननीय और राजभक्त समझे जानेवाले अध्ययनशील वकील भी, जो जीवन पथपर कुछ इतनी सावधानीसे कदम बढ़ाते हैं कि कभी-कभी वे भीरु भी प्रतीत होने लगते हैं, अपने-आपको मार्शल लॉ अधिकारियोंकी निगरानीसे सर्वथा मुक्त नहीं मान सकते थे। श्री मनोहरलालने पंजाबसे एम० ए० और कैम्ब्रिज से बी० ए० किया है और वे पंजाब विश्वविद्यालयकी सिण्डीकेटके एक सदस्य हैं । वे सेंट जॉन्स कालेज, कैम्ब्रिजके एक मान्य अध्येता (फाउन्डेशन स्कॉलर) थे, और उन्होंने अन्य कई स न भी प्त किये हैं। वे उच्चतम न्यायालय, बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और फॉरमन कालेजको ग्रेजुएट्स यूनियनके अध्यक्ष हैं । उनको 'ट्रिब्यून' समाचारपत्रका एक ट्रस्टी होने के नाते १८ अप्रैलको सुबह साढ़े सात बजे गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ न तो कोई वारंट था और न उन्हें यही बतलाया गया कि उनको किस जुर्ममें गिरफ्तार किया गया। उनका कहना है:

मुझे मेरे घरपर गिरफ्तार करते समय अपनी पत्नी और बच्चोंसे विदा लेनके लिए मुश्किलसे दो मिनटका वक्त दिया गया और यह भी नहीं बतलाया गया कि मुझे कहाँ ले जाया जा रहा है।

१. चिमनलाल हरिलाल सीतलवाड ( १८६५-१९४७); प्रमुख वकील और राजनीतिज्ञ; इंटर कमेटीके तीन भारतीय सदस्यों में से एक।

२. फॉरमन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर ।