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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


आयोजन न करेंगे, उसमें भाग न लेंगे और न किसी सभामें भाषण देंगे--चाहे वह व्यक्तिशः उपस्थित होकर हो या लिखित रूपमें अपने विचार भेजकर।

पंडित कोटूमल, पंडित दीनानाथ[१] और स्वामी अनुभवानन्दपर भी ऐसे ही प्रतिबन्ध लगा दिये गये। इन आदेशोंने जन-भावनाको उद्वेलित अवश्य किया, किन्तु जनता इनसे घबराई नहीं। अतएव ६ अप्रैलको शहरमें फिर पूरी हड़ताल हुई, और ३० मार्चवाली सभासे कहीं अधिक बड़ी सभा हुई। अमृतसरके एक बैरिस्टर, श्री बदरुल इस्लाम खाने इस सभाकी अध्यक्षताकी, जिसमें कहा जाता है कि ५०,००० लोगोंने भाग लिया। सरकारी विवरणमें यह भी बताया गया है कि सभामें प्रस्ताव पास करके सरकारसे अनुरोध किया गया कि डा० सत्यपाल तथा अन्य लोगोंके खिलाफ जारी किये गये आदेश वापस ले लिये जायें। सरकारी आदेशोंके खिलाफ जो भाषण दिये गये उनका निचोड़ निम्नलिखित वाक्यमें देखा जा सकता है। यह वाक्य हमने उस रिपोर्ट में से लिया है जो इस समय हमारे सामने है:

उन [नेताओं] का एकमात्र अपराध यह है कि उन्होंने हम सबको रौलट अधिनियमका असली उद्देश्य बता दिया था।

एक प्रस्ताव रौलट अधिनियमको रद करनेकी माँग करते हुए भी पास किया गया। सभाकी कार्यवाही समाप्त करते हुए अध्यक्षने कहा:

आजकी सभा पिछले रविवारकी सभासे भी कहीं अधिक सफल रही है। अपनी राय अभिव्यक्त करनेका आपका मंशा पूरा हो गया है। इस समय लोगोंको आवेशसे नहीं बल्कि धीरजसे काम लेना चाहिए। महात्मा गांधीकी सलाह है: इस लड़ाईमें हम धैर्यपूर्वक पीड़ा और दुःख सहन करेंगे और इस प्रकार अपने-आपको हिंसा और निष्ठुरता बरतनेसे बचायेंगे। असत्य नाकामयाब होगा और सत्यकी विजय होगी। यदि आप मानसिक शान्ति, धीरज और संयमसे काम लेंगे तो इस सभाका जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा। किन्तु यदि जरा भी गड़बड़ होगी, और दो आदमी भी एक दूसरेसे लड़ेंगे तो इसके परिणाम बुरे होंगे और इस सभाका कोई असर नहीं होगा। इसलिए श्रोताओंसे अनुरोध है कि वे सभा-स्थलसे बिलकुल शान्तिपूर्वक जायें और कोई जुलूस वगैरह न बनायें।

ऊपरका उद्धरण हमने जिस रिपोर्टसे लिया है, उसपर ८ अप्रैलकी तारीख पड़ी है। रिपोर्ट के अन्तमें कहा गया है:

जनताने अध्यक्षके आदेशोंका पूरा पालन किया।

९ अप्रैलका दिन, जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है, रामनवमीका दिन था। नेताओंने तय किया था कि उस दिन हिन्दुओं और मुसलमानों में पूरा भाईचारा रहना चाहिए। सामान्यतया रामनवमी एक धार्मिक त्यौहार है, लेकिन चूँकि मुसलमानोंने उसमें

  1. अमृतसरसे प्रकाशित वकतके सम्पादक।