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पंजाबके उपद्रवोंके सम्बन्धमें कांग्रेसकी रिपोर्ट



सिख ९०,०००
हिन्दू ९०,०००
जाट ३०,०००
डोगरा २४,०००
अन्यराजपूत १०,०००
अहीर १०,०००
गूजर ६,०००
गौड़ ब्राह्मण ५,०००
अन्य सब ५,०००
पंजाबी ईसाई ४,०००
प्रान्तकी कुल आबादीमें मुसलमानोंका अनुपात ५/९ है। उन्होंने ४८ प्रतिशत रंगरूट दिये। एक तिहाई लोग हिन्दू हैं और उन्होंने २५ प्रतिशत रंगरूट दिये। सिखोंकी संख्या कुल आबादीके नवें भागके बराबर है। लेकिन उन्होंने भी २५ प्रतिशत रंगरूट दिये।
जैसा मैंने पिछले साल कहा था, लड़ैत सेना और भारतीय प्रतिरक्षा सेनाके लिए भी करीब-करीब सारे लड़ैत सैनिक, और सेनामें दूसरे काम करनेवाले ज्यादातर लोग, ग्रामीणों में से भरती किये गये। शहरोंमें रहनेवाले लोगोंपर भरती की अपीलका बहुत कम असर हुआ, यद्यपि लड़ाईके लिए ऋण देनेमें उन्होंने बड़ी उदारता दिखाई। किन्तु गाँवोंके ज्यादातर हिन्दुओंने भरतीमें बहुत ही गौरवपूर्ण भाग लिया और यद्यपि उनकी भरतीका अनुपात सिखोंसे बहुत कम है, किन्तु करीब-करीब उतना ही है जितना पंजाबी मुसलमानोंका।

पंजाबका प्रशासन एक लेफ्टिनेन्ट गवर्नरके हाथमें रहता है। उसके नीचे एक व्यवस्थापिका सभा रहती है, जिसके कुछ सदस्य निर्वाचित होते हैं और कुछ नामजद।

पंजाबकी राजधानी लाहौर है और हमेशासे लाहौर ही रही है। लाहौर २,५०,००० की आबादीका एक बड़ा नगर है। यह कलकत्तासे कोई १,२०० मील, दिल्लीसे ३०० मील, कराचीसे ७८४ मील और बम्बईसे १,१६२ मील दूर स्थित है।

प्रान्त में ५ कमिश्नरियाँ हैं, जिनको एक-एक कमिश्नर सँभालता है। ये कमिश्नरियाँ २८ जिलोंमें बँटी हुई हैं, जिनमें से प्रत्येकका हाकिम डिप्टी कमिश्नर या कलैक्टर होता है। कमिश्नरियाँ निम्न हैं : अम्बाला डिवीजन, जिसमें पंजाबका पूर्वी भाग आता है और भारत सरकारकी ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला भी शामिल है; जलन्धर डिवीजन, जिसमें पहाड़ी भाग और अर्ध पहाड़ी भाग भी आते हैं; लाहौर डिवीजन, जिसमें मध्य भाग शामिल है; रावलपिंडी डिवीजन जिसमें उत्तर-पश्चिमी भाग आता है; और मुल्तान डिवीजन, जिसमें पंजाबका पश्चिमी भाग आता है।