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तार: गिरधारीलालको

[पुनश्चः]

मेरे मामलेका[१] फैसला हो गया है। सुना है कि अदालतने हम दोनोंकी[२] भर्त्सना की है, किन्तु दण्ड नहीं दिया।

बापू

[अंग्रेजीसे]
माई डियर चाइल्ड

७१. तार: गोकर्णनाथको

अहमदाबाद
१५ मार्च, १९२०

गोकर्णनाथ
लखनऊ

सर रवीन्द्रनाथ अहमदाबाद आनेवाले हैं।[३] क्या उस समय अहमदाबादमें सभाकी जा सकती है। वह सम्भव हो तो बम्बईमें करें।

गांधी

मूल अंग्रेजी प्रति (सी० डब्ल्यू० ५९८९) की फोटो-नकलसे।

७२. तार: गिरधारीलालको[४]

१६ मार्च, १९२०

घोषणा-पत्रके[५] अनुसार आपको हड़ताल[६] करनी चाहिए और सार्वजनिक सभामें भाग लेना चाहिए।

गां०

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ७१३८) की फोटो-नकल से।

  1. बम्बई उच्च न्यायालयमें पेश मामला। देखिए "क्या यह न्यायालयकी मानहानि थी?", १०-३-१९२०।
  2. गांधीजी और महादेव देसाई।
  3. रवीन्द्रनाथ १ अप्रैलको वहाँ पहुँचनेवाले थे और ५ तारीख तक रहनेवाले थे। अप्रैलके दूसरे सप्ताह में गांधीजी और रवीन्द्रनाथ दोनोंको बम्बई पहुँचना था।
  4. यह तार गिरधारीलालके इस तारके जवाबमें था: "कृपया तार दीजिए कि क्या अमृतसरमें हड़ताल कराई जाये और हिन्दू लोग प्रस्तावमें किस हदतक सहयोग दें।"
  5. देखिए "वक्तव्य: समाचारपत्रोंको", ७-३-१९२०।
  6. १९ मार्च, खिलाफत दिवसको।