यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५४८
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
- जून १७: नडियादमें अपने साथियोंके साथ भरतीके बारेमें सलाह-मशविरा किया।
- जून २१: नडियादमें भरती-अभियान शुरू करते हुए सार्वजनिक सभामें भाषण दिया।
- जून २२: नडियादसे भरती होनेकी अपील करते हुए पहली पत्रिका छापी।
- जून २४: अहमदाबादमें गवर्नरके भाषणके विरोधमें बोले; लोगोंसे भरती होनेकी अपील की।
- जून २६: रासमें भरती होनेकी आवश्यकतापर भाषण।
- जून २७: खेड़ामें जेल-मुक्त सत्याग्रहियोंके स्वागतार्थ आयोजित समारोहमें सत्याग्रहके/महत्त्व और वलपर प्रकाश डाला।
- जून २८: कठलालमें ‘प्याज सत्याग्रह‘ के अग्रणी मोहनलाल पंड्याको जेलसे मुक्त होने पर मानपत्र भेंट करने के लिए आयोजित सभामें सत्याग्रहकी तुलना कल्पवृक्षसे की।
- जून २९: गांधीजीको खेड़ा सत्याग्रहकी सफल समाप्तिपर सभामें मानपत्र भेंट किया गया।
- जुलाई ८: मॉण्टेग्यु-चैम्सफोर्ड संवैधानिक सुधारोंपर रिपोर्ट प्रकाशित।
- जुलाई ९: जिन्नाको पत्र लिखा कि उन्हें भरतीके लिए काम करनेके साथ-साथ मॉण्टेग्यु-चैम्सफोर्ड सुधार योजनामें परिवर्तन करनेके लिए भी आग्रह करना चाहिए।
- जुलाई १४: करमसदमें भरतीके सम्बन्धमें भाषण।
- जुलाई १७: बम्बईसे नडियाद वापस आ गये।
- जुलाई १८: शास्त्रीके अनुरोधपर उन्हें मॉण्टेग्यु-चैम्सफोर्ड सुधार योजनाके सम्बन्ध में अपने विचार लिख भेजे।
- प्रैटकी अध्यक्षतामें हुई सभामें घोषणा की कि जबतक मेरे गुजराती भाई ही आनाकानी करते हों तबतक भरतीके कामके लिए मैं निस्संकोच भावसे गुजरातसे बाहर नहीं जा सकता।
- जुलाई २२: भरतीकी अपील करते हुए दूसरी पत्रिका प्रकाशित की। गोविन्द मालवीयको पत्र लिखा कि मॉण्टेग्यु चैम्सफोर्ड योजना अच्छी है और उसकी कमियाँ आन्दोलन द्वारा दूर की जा सकती हैं।
- जुलाई २७: दक्षिण आफ्रिकाके संघर्षके साथी सोराबजी शापुरजी अडाजानियाकी अकाल मृत्युपर ‘बॉम्बे क्रॉनिकल’ को पत्र।