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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
- अप्रैल ३०: वाइसरायके निजी सचिव मैफीको पत्रमें लिखा कि युद्ध सम्मेलनमें की गई अपनी घोषणाके अनुसार में अपनी सेवाएँ अधिकारियोंको अर्पित करता हूँ।
- मई १: दिल्लीसे नडियादके लिए रवाना।
- मई २: नडियाद पहुँचे; रातको बम्बई रवाना।
- मई ३: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशनमें गये। एनी बेसेंटसे भेंट
- मई ४: बीजापुरके लिए रवाना।
- मई ५: बीजापुरमें बम्बई प्रान्तीय सम्मेलन तथा अन्त्यज सम्मेलनमें भाग लिया।
- मई ६: खेड़ाकी समस्यापर बॉम्बे सर्वेंट्स द्वारा जारी की गई विज्ञप्तिके उत्तरमें वक्तव्य दिया। बम्बई प्रान्तीय सम्मेलनमें गिरमिटिया प्रथाको रद करनेके प्रस्तावका समर्थन किया। बम्बईके लिए रवाना।
- मई १३: ढुंढ़ाकुवामें “आत्मबल बनाम दमन” विषयपर भाषण दिया।
- मई १४: कठलालमें बीमार।
- मई १६: सन्देसरमें भाषण।
- मई १७: अहमदाबादसे चम्पारन रवाना।
- मई १८: मैफीको सूचना दी कि वे भरती करनेकी पूरी तैयारी कर रहे हैं।
- मई २४: मोतीहारीमें आश्रमकी नींव रखने के बाद बाँकीपुरके रास्तेसे अहमदाबादके लिए रवाना।
- मई २६: पटनामें आयोजित विराट सभामें “भारतकी राष्ट्र भाषा और स्वराज्य” पर भाषण।
- मई २७: खंडालीमें सत्याग्रहके महत्त्वके विषयमें भाषण।
- जून २: ‘बॉम्बे क्रॉनिकल’ और सर जॉर्ज बार्न्ज़को दक्षिण आफ्रिकामें भारतीय विरोधी कानूनोंके विषयमें लिखा।
- जून ३: उत्तरसंडा और नवागांवके किसानोंके सम्मुख भाषण।
- जून ६: खेड़ा सत्याग्रहकी समाप्तिकी सूचना देते हुए खेड़ाकी जनताके नाम सन्देश।
- जून ८: नडियादके जिलाधीशकी अदालतमें गवाही दी; और स्वीकार किया कि गलतीसे जब्त किये गये खेतोंसे प्याज खोद लेनेकी सलाह उन्होंने ही अभियुक्तको दी थी।
- अदालतके बाहर जमा भीड़को सत्याग्रहपर दृढ़ रहनेकी सलाह दी।
- जून ९: बम्बई पहुँचे, बम्बई सरकारके मुख्य सचिवको पत्र लिखा और बम्बई प्रान्तीय युद्ध-सम्मेलनमें बोलनेसे इनकार किया।
- जून १०: टाउन हॉलमें बम्बई प्रान्तीय युद्ध-सम्मेलनमें भाग लिया।
- जून ११: पूनामें भारत सेवक समाज (सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी) के उत्सवमें भाग लिया।
- जून १५: बम्बईके गवर्नरसे भेंट की।
- जून १६: प्रान्तीय युद्ध-सम्मेलनमें लॉर्ड विलिंग्डनके उत्तेजनात्मक वक्तव्योंके विरोधमें आयोजित बम्बईकी सार्वजनिक सभाकी अध्यक्षता की।
- सभामें पास किये गये प्रस्तावों में सरकारके रुखकी आलोचना की गई।