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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
ऐसा है, जिससे सभीका उपकार हो सकता है। इसे तुम सँभालकर रख लेना और बार-बार पढ़कर इसके एक-एक शब्दको अच्छी तरह समझ लेना।
बापूके आशीर्वाद
[गुजरातीसे]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ४
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ४
१००. पत्र : रांचीके एक सज्जनको
[बम्बई]
फरवरी २, १९१८
आश्रममें रहे बिना भी जो मनुष्य आश्रमके नियमोंका पालन करे, वह आश्रमवासी है। और जो आश्रममें रहते हुए भी उनका जान-बूझकर उल्लंघन करे, वह आश्रमसे बाहरका है।
[गुजरातीसे]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ४
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ४
१०१. श्रीमती जिनराजदासको लिखे पत्रका अंश
[बम्बई]
फरवरी २, १९१८
श्रीमती गांधी लगभग निरक्षर है। वह अंग्रेजीमें तो अपना नाम भी नहीं लिख सकती। क्या आपको अपने रजिस्टरकी शोभाके लिए ही नाम चाहिए?[१]
[अंग्रेजीसे]
- महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे।
- सौजन्य : नारायण देसाई
- ↑ यह सूचित किये जानेपर कि कस्तूरबाको अखिल भारतीय महिला संघकी सदस्या बना लिया गया है, गांधीजीने यह टिप्पणी की थी। देखिए "श्रीमती जिनराजदासको लिखे पत्रका अंश", १०-२-१९१८ से पूर्व।