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पत्र : जमनादास गांधीको

इस आन्दोलनको अप्रिय बनाया जाये। मेरे विरुद्ध न सही मेरे किसी सहयोगीके विरुद्ध भी कुछ किया जा सके, तो मेरे प्रतिपक्षी खुश होंगे, ऐसी कुछ मान्यता इसके पीछे थी। ऐसे समय प्रोफेसरका जेल जाना और अपना स्वरूप दिखाना जरूरी था। फिर यहाँके लोग जेलमें जानेसे बहुत डरते हैं। उनका भय निकालनेका यह एक सुन्दर अवसर था। इसे छोड़ा नहीं जा सकता था। खुद प्रोफेसरके लिए भी यह अनायास प्राप्त अनुभव छोड़ देना ऐसा ही होता, जैसा लक्ष्मीके तिलक लगानेके लिए आनेपर कोई मुँह छिपा ले। स्वयं कष्ट भोगना और अन्यायका विरोध करना ही 'सत्याग्रह' है। न्यायाधीशका निर्णय खालिस अन्याय था। जेल-यात्राका कष्ट स्वीकार करके प्रोफेसरने सत्याग्रह किया। अपील करना सत्याग्रहके क्षेत्रमें ही नहीं आता। शुद्ध सत्याग्रहमें सफाईकी गुंजाइश नहीं होती। हम जिस सत्याग्रहको देख रहे हैं, वह शुद्ध नहीं, मिश्रित सत्याग्रह है। यह मिश्रण हमारी कमजोरीका माप और लक्षण है। जब शुद्ध सत्याग्रह किया जायेगा, तब दुनिया उसका आश्चर्यजनक प्रभाव देखेगी, यह मेरा दृढ़ विश्वास है। इसलिए सत्याग्रह की दृष्टिसे तो अपील करनी ही नहीं थी; किन्तु अपील नहीं की गई इसमें सत्याग्रहका शुद्ध रूपमें पालन करनेकी इच्छा गौण थी। मेरे खयालसे मामला इतना कमजोर था कि हमने अपील वगैरह करके उसे बड़ा रूप नहीं दिया और इस प्रकार हम न्यायाधीशका पक्षपात और अज्ञान दोनों आसानीसे दिखा सके। फिर कोई भी वकील यह आश्वासन नहीं दे सका कि अपील करेंगे तो उसमें हम जीतेंगे ही। वकीलोंसे मैंने कह दिया था कि उनकी इच्छा हो तो वे अपील करें, किन्तु हारकर आयें, तो मैं जरूर दोष दूँगा। इस मुकदमेमें अपील नहीं की जा सकती थी, नजरसानी ही कराई जा सकती थी। नजरसानी में बड़ी अदालत भी तथ्योंपर विचार नहीं करती, सिर्फ कानूनी गलती ही सुधारती है। इस मामले में बचावकी कानूनी गुंजाइश नहीं थी। तुम देखोगे कि इसमें सत्याग्रह और संसार जिसे 'व्यावहारिकता' कहता है, उसकी भी रक्षा हुई है।

[गुजरातीसे]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ४

९०. पत्र : जमनादास गांधीको

[मोतीहारी]
जनवरी २४, १९१८

चि॰ जमनादास,

तुम्हें अपना काम छोड़कर मेरे पास रहनेसे कुछ मिलेगा नहीं। थोड़े दिन बाद तुम्ही ऊब जाओगे और अपने उपेक्षित कर्त्तव्यको याद करोगे।

इसलिए तुम्हें वहीं रहकर आनन्द खोजना चाहिए। तुम्हारी इस समय मेरे पास रहनेकी इच्छा एक प्रकारका 'विषय' है। और जिस तरह विषयके उपभोगके बाद हममें थकान और निराशा आती है, उसी तरह तुममें भी अभी मेरे पास थोड़े समय रहने