मॉण्टेग्युसे याचना किये बिना ही स्वराज्य मिल जायेगा। महुआ अधिनियमकी निन्दा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारको गलत सूचनाएँ दी गई हैं। उसके बाद वक्ताने प्लेगकी महामारीके बारेमें बोलते हुए कहा कि हमें चूहोंको धर्मका अंग मानकर मारना तथा सफाई रखनी चाहिए। उन्होंने इनके विषयमें अन्य उपयोगी बातें भी बतलाई। उन्होंने इस बातकी भी चर्चा की कि आजकल फैलनेवाली अनेक बीमारियोंका कारण लोगोंको पर्याप्त मात्रामें दूधका न मिलना है, क्योंकि दुग्धशालाएँ सबका-सब दूध खरीद लेती हैं...।
बॉम्बे सीक्रेट एब्स्ट्रैक्ट्स, १९१७
४७. पत्र : मगनलाल गांधीको
मोतीहारी
अगहन सुदी ४, सम्वत् १९७४ [दिसम्बर १८, १९१७]
मुझे चाहिए कि तुम्हें लम्बा पत्र लिखकर भेजूँ; लेकिन इन दिनों यह सम्भव नहीं है। और फिर समाज सेवा संघका काम आ गया है। ऐसा लगता रहता है कि जबतक मेरा सितारा बुलन्द है तबतक अपने आदर्शोंका जितना प्रसार किया जा सकता है करूँ। चूहोंपर निगरानी रखने और स्वच्छता बनाये रखनेसे आश्रममें[१] प्लेगका प्रवेश रोका जा सकेगा। 'प्रेमल ज्योति तारो दाखवी[२]' पढ़ना और उसपर विचार करना। हम भविष्यके सम्बन्धमें योजना बनायें; लेकिन उसे जाननेकी इच्छा न करें।
अध्यापकोंके घर तुरन्त बनवानेकी बात थी, उसका क्या हुआ? भाई नरहरि[३] तथा ब्रजलाल दोनोंकी तबीयत ठीक है। देवदास अभीतक पाठशालामें ही है। सुरेन्द्र[४] भी वहीं है। बा[५] मेरे पास आ गई है।
अपने स्वास्थ्यका खूब ध्यान रखना।
बापूके आशीर्वाद
गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती पत्र (सी॰ डब्ल्यू॰ ५७०८) से।
सौजन्य : राधाबेन चौधरी
- ↑ कोचरव गाँवमें प्लेग फैल जानेपर गांधीजीने उसे छोड़कर साबरमती आश्रमकी स्थापना की देखिए आत्मकथा भाग ५, अध्याय २१।
- ↑ न्यूमैनके प्रसिद्ध प्रार्थना-गीत, 'लोड काइन्डली लाइट' का नरसिंहराव दिवेटिया द्वारा किया गया गुजराती अनुवाद। यह गांधीजीको बहुत प्रिय था।
- ↑ नरहरि द्वारिकादास परीख, स्वराज [होमरूल] आन्दोलनकारी गांधीजीके एक सहयोगी।
- ↑ साबरमती आश्रमके निवासी।
- ↑ कस्तूरबा भीतिहरवा स्कूलमें काम कर रही थीं।