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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
सितम्बर ११: अहमदाबादसे मद्रासके लिए रवाना हुए।
सितम्बर १३ से पूर्व: गुजरात सभाकी ओरसे भारत-मन्त्री श्री माँटेग्युको देनेके लिए एक याचिका तैयार की।
सितम्बर १७: श्रीमती बेसेंट, वाडिया और अरुण्डल रिहा किये गये।

गांधीजी पूना पहुँचे।

प्रान्तीय सहकारिता सम्मेलन में “सहकारिताका नैतिक आधार” विषयक निबन्ध पढ़ा।
सितम्बर १८: पूनासे रांचीके लिए रवाना हुए।
सितम्बर २१: शाही विधान परिषद् पण्डित मदनमोहन मालवीयने प्रस्ताव पेश किया कि आई० सी० एस० की परीक्षा भारत और इंग्लैंड, दोनों जगह एक साथ होनी चाहिए।
सितम्बर २२: गांधीजी रांची पहुँचे।
सितम्बर २३: रांचीमें लेफ्टिनेंट गवर्नरसे अपनी भेंटमें गांधीजीने शरहबेशी और चम्पारनमें स्वयं सेवकोंके कामके विषयमें बातचीत की।
सितम्बर २४-२८: चम्पारन जाँच-समितिकी रांचीमें होनेवाली अन्तिम बैठकमें गांधीजीने भाग लिया।
सितम्बर २५: गांधीजीने तीसरे दर्जेकी रेलयात्राके बारेमें अखबारों में एक पत्र लिखा।
सितम्बर २७: “भारत साम्राज्यके अन्दर रहकर स्वशासन क्यों चाहता है।”(ह्वॉट इंडिया वांट्स: आटोनॉमी विदिन द इम्पायर) शीर्षकसे लिखी गई नटेसनकी पुस्तिकाके लिए गांधीजीने भूमिका लिखी।
सितम्बर २९: शरहबेशीमें कमी करनेके बारेमें प्रमुख बागान-मालिकोंके साथ होनेवाले समझौतेपर गांधीजीने हस्ताक्षर किये।
अक्तूबर २: गांधीजीके जन्मदिवसपर मद्रासके गोखले हॉलमें श्रीमती बेसेंटने गांधीजीके चित्रका अनावरण किया।
अक्तूबर ३: चम्पारन जाँच-समितिके अन्य सदस्योंके साथ गांधीजीने रिपोर्टपर हस्ताक्षर किये।
अक्तूबर ४: गांधीजीने समितिकी रिपोर्टपर सरकारके निर्णयको क्षेत्रीय भाषामें प्रकाशित करनेका सुझाव देते हुए लेफ्टिनेंट गवर्नरको पत्र लिखा।
अक्तूबर ५: रांचीसे पटना पहुँचे, और वहाँसे कांग्रेस कमेटीकी बैठकमें भाग लेनेके लिए इलाहाबाद रवाना हुए।
अक्तूबर ६: अ० भा० कांग्रेस कमेटी और अ० भा० मुस्लिम लीगकी परिषद्को संयुक्त बैठक इलाहाबादमें हुई जिसमें कांग्रेस-लीग योजनाका समर्थन करनेके लिए एक अखिल भारतीय शिष्टमण्डल वाइसरॉय और भारत-मन्त्रीके पास भेजनेका निश्चय किया गया।
चम्पारन जाँच-समितिकी रिपोर्टको सपरिषद् लेफ्टिनेंट गवर्नरने स्वीकार कर लिया।