पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 13.pdf/६७५

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
६३९
तारीखवार जीवन-वृत्तान्त
जुलाई २६: चम्पारन जाँच-समितिकी बैठक मोतीहारीमें हुई, जिसमें मोतीहारी लिमिटेड कम्पनीके प्रबन्धक डब्ल्यू० एस० इविनने बयान दिया।
जुलाई २८: कांग्रेस-लीग सुधार परिषद्को बम्बईमें संयुक्त बैठक।
जुलाई २९: गांधीजीने शरहवेशीके बारेमें एक गोपनीय टिप्पणी जाँच समितिके सदस्योंके विचारार्थ तैयार की।
अगस्त प्रमुख भारतीय नेताओंने, जिनमें कांग्रेसी भी शामिल थे, मॉंटेग्युकी आगामी भारत-यात्राको ध्यान में रखते हुए सत्याग्रह आन्दोलन चलाने के विरोधमें एक घोषणा-पत्र निकाला।
अगस्त ८: चम्पारन जाँच-समितिकी बैठक बेतियामें हुई। अबवाव-सम्बन्धी गांधीजीका सुझाव मान लिया गया।
अगस्त १०: जाँच समितिने तिन-कठिया प्रथा समाप्त करना स्वीकार कर लिया।
अगस्त ११: गांधीजीने शरहबेशीके सवालपर समितिकी बठकमें चर्चा की, और अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किये।
अगस्त १२: जाँच समितिने बागान मालिकोंके साथ परामर्श किया और सर्वसम्मतिसे तिन-कठिया प्रथाके स्थानपर खुश्की- प्रथा लागू करनेका निश्चय किया।
अगस्त १३: गांधीजीने चम्पारन जाँच समितिके अध्यक्षको शरहबेशी और तिन-कठियाके बारेमें पत्र लिखकर बागान मालिकोंके साथ समझौतेकी अपनी शर्तें बताईं।
अगस्त १४: समिति गांधीजीके सुझावोंपर विचार करनेके बाद स्थगित हो गई।
अगस्त १५: गांधीजीने पीपरा नील कारखाने के प्रबन्धकसे रैयतके मारे-पीटे जानेकी शिकायत की।
अगस्त १६: बेतिया और मोतीहारी में सेवा कार्य जारी रखनेके लिए स्वयंसेवकोंके शिविर स्थापित करके गांधीजी अहमदाबाद जाते हुए पटना पहुँचे।
अगस्त २०: कॉमन्स सभामें ई० एस० मॉंटेग्युने प्रशासनके प्रत्येक क्षेत्रमें भारतीयोंको उत्तरोत्तर अधिकाधिक स्थान देनेकी ब्रिटिश सरकारकी नीति घोषित की।
अगस्त २४: श्रीमती बेसेंट और उनके साथी कार्यकर्ताओंकी रिहाईकी माँग करनेके लिए अहमदाबादमें व्यापारियोंकी एक सभामें गांधीजी बोले।
अगस्त ३१: महादेव देसाईको अपने साथ काम करनेका निमन्त्रण दिया।
सितम्बर: ‘इंडियन रिव्यू’ में “उपनिवेशोंमें भारतीय प्रवासी” शीर्षक लेख लिखकर लन्दनमें होनेवाले अन्तर्विभागीय सम्मेलनकी रिपोर्टपर अपने विचार प्रकट किये।
सितम्बर १: उपनिवेशोंमें प्रवास विषयक अन्तविभागीय सम्मेलनकी रिपोर्टपर आधारित भारत सरकारका प्रस्ताव प्रकाशित हुआ।
गांधीजीने सत्याग्रहके बारेमें शंकरलाल बैंकरको पत्र लिखा।
सितम्बर २: सरकारके दमनकारी कानूनोंके विरुद्ध सत्याग्रह आन्दोलन चलानेके प्रस्तावपर विचार करनेके लिए बम्बई प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीकी बैठक हुई; इसमें गांधीजीने भाग लिया।
सितम्बर ४: गांधीजी बम्बईसे अहमदाबाद लौटे।