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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
फरवरी ४: अहमदाबादमें गिरमिट प्रथाके विरोधमें आयोजित सभाकी अध्यक्षता की। ऐन्ड्रयूज और पोलक भी बोले।
फरवरी ७: शाही विधान परिषदके सत्रका उद्घाटन करते हुए वाइसरॉयने बताया कि उन्होंने पण्डित मदनमोहन मालवीयको गिरमिट प्रथाको पूर्णतया समाप्त करनेके उद्देश्यसे एक विधेयक पेश करनेकी अनुमति क्यों नहीं दी थी।
फरवरी ७ के बाद: गांधीजीने एक वक्तव्य जारी करके वाइसरॉयको गिरमिट प्रथाके बारेमें आश्वासन देनेके लिए धन्यवाद दिया।
फरवरी ९: बम्बईमें एक्सेल्सियर थियेटर में आयोजित एक सार्वजनिक सभामें गांधीजीने गिरमिट प्रथा तुरन्त समाप्त करनेकी माँग करते हुए तत्सम्बन्धी एक प्रस्तावका समर्थन किया।
फरवरी ११: होमरूल लीग, बम्बईके तत्त्वावधान में होनेवाली गिरमिट-प्रथा विरोधी सभामें भाषण।
फरवरी १९: श्री गोखलेकी बरसीके अवसरपर होनेवाली सभाकी अध्यक्षता करनेके लिए गोधरा पहुँचे।
फरवरी २६: सूरतंकी सार्वजनिक सभामें गिरमिटिया मजदूरोंकी भर्ती बन्द करनेकी माँग की।
मार्च २: कराचीमें होमरूल लीगके मुख्य कार्यालयमें सत्याग्रह और सादगीके ऊपर भाषण किया।
हरदेवी बाई गर्ल्स स्कूल गये। पारसी थियेटरमें कच्छी और गुजराती समाजके लोगोंसे मिले।
मार्च ६: महाराजा कासिम बाजारके निमन्त्रणपर कलकत्ता पहुँचे। टाउन हॉलमें आयोजित सार्वजनिक सभामें घोषणा की कि भारत ३१ मईसे आगे गिरमिटियोंकी भर्ती कदापि सहन नहीं करेगा।
मार्च १२: भारत-सुरक्षा अधिनियमके अन्तर्गत गिरमिटिया मजदूरोंकी भर्ती और उनको उपनिवेशोंमें भेजे जानेका निषेध करते हुए सपरिषद् वाइसरॉयका निर्णय ‘गजट’ में प्रकाशित।
अप्रैल ८: गांधीजीने अ० भा० कांग्रेस कमेटीकी बैठकमें भाग लिया जिसमें कांग्रेसके कामके लिए आठ आदमियोंका एक शिष्टमण्डल इंग्लैंड भेजनेका निश्चय किया गया।
अप्रैल १०: गांधीजी राजकुमार शुक्लके साथ चम्पारन जाते हुए पटना पहुँचे। मजहरुल हकके साथ ठहरे।
मुजफ्फरपुर पहुँचनेपर जे० बी० कृपलानी आदिने स्वागत किया।