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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

 

सुरक्षा सम्बन्धी मामलेमें बम्बई हाईकोर्टने लोकमान्य तिलकके पक्षमें निर्णय सुनाया।

नवम्बर १७: अ० भा० कांग्रेस कमेटी तथा मुस्लिम लीगने कलकत्तामें अपना संयुक्त सम्मेलन किया।
दिसम्बर १२: गांधीजीने सत्याग्रह-कोष और ‘इंडियन ओपिनियन’ के बारेमें ए० एच० वेस्टको पत्र लिखा।
दिसम्बर २२: इलाहाबादमें म्योर सेन्ट्रल कॉलेजकी अर्थशास्त्र विभाग समितिके तत्त्वाव धानमें “क्या आर्थिक उन्नति वास्तविक उन्नतिके विपरीत बैठती है?” विषयपर भाषण। सभाकी अध्यक्षता पण्डित मदनमोहन मालवीयने की।
दिसम्बर २३: पण्डित मदनमोहन मालवीयकी अध्यक्षतामें होनेवाली एक सार्वजनिक सभामें गांधीजीने ‘प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा’ के सम्बन्धमें भाषण दिया।
दिसम्बर २६-३०: लखनऊमें अम्बिकाचरण मजूमदारके सभापतित्वमें कांग्रेसका अधिवेशन। सुधार सम्बन्धी कांग्रेस-लीग योजना स्वीकृत। कांग्रेसके दोनों दलोंमें समझौता; १९०७ में सूरत कांग्रेसमें हुए झगड़ेके बाद तिलकने पहली बार अधिवेशनमें भाग लिया। गांधीजीने गिरमिटिया प्रथा और भारत सुरक्षा अधिनियमऊपर प्रस्ताव पेश किये।
श्रीमती एनी बेसेंट, डॉ० रासबिहारी घोष, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, मजहरुल हक, जिन्ना, पोलक और उत्तर प्रदेशके लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल हुए।
साम्राज्यके प्रति भारतीयोंकी निष्ठा, आर्म्स ऐक्ट, स्वयंसेवक या किसी दूसरी हैसियतसे सेनामें काम; प्रेस ऐक्ट, गिरमिटिया मजदूरों, उपनिवेशोंमें बसे भारतीयों, बिहारके बागान मालिकों और रैयतके सम्बन्धोंके बारेमें प्रस्ताव पास किये गये।
दिसम्बर २७: लन्दनके “राउंड टेबल” को लिखा गया लॉयनेल कर्टिसका पत्र ‘न्यू इंडिया’ में छपा।
दिसम्बर २९: गांधीजीने लखनऊमें अखिल भारतीय एक-भाषा व एक-लिपि सम्मेलनकी अध्यक्षता की।
दिसम्बर ३१: मुस्लिम लीगके अधिवेशनमें कांग्रेस-लीग सुधार योजना प्रस्तुत की गई। उपनिवेशोंमें भारतीयोंके साथ होनेवाले दुर्व्यवहारके विरोधमें श्री जिन्नाका प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। गांधीजी भी अधिवेशनमें शामिल हुए और हिन्दू-मुस्लिम एकतापर बोले।

१९१७

जनवरी २: कांग्रेस अधिवेशनके बाद गांधीजी लखनऊसे अहमदाबाद लौट आये।
जनवरी १४: गांधीजीने वक्तव्य देकर स्पष्ट किया कि “राउंड टेबल” के मन्त्रीके नाम लायनेल कर्टिसका पत्र प्राप्त हुआ था।
जनवरी १७: नारणदास गांधीको पत्र लिखकर एक राष्ट्रीय विद्यालय स्थापित करनेका अपना संकल्प प्रकट किया।
जनवरी १८ के बाद: विद्यालयकी योजना तैयार की।