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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

 

मई २: मायावरमके विक्टोरिया टाउन हॉलमें अस्पृश्यता और स्वदेशीके विषयमें भाषण देते हुए कहा कि अपने नेताओंसे मेरा कोई ‘झगड़ा’ नहीं है।
मई ५-६: नेलौरमें मद्रास प्रान्तीय-सम्मेलनके अधिवेशनमें भाग लिया।
मई ७: मद्रासमें भारतीय दक्षिण आफ्रिकी संघकी सभामें गांधीजीने दक्षिण आफ्रिकाके सत्याग्रह आन्दोलनकी चर्चा की और जी० ए० नटेसनको उनकी सहायताके लिए धन्यवाद दिया। संघने एक प्रस्ताव द्वारा अपनेको विघटित करते हुए कोषमें जमा बाकी रकमको गांधीजीको सौंपनेका निश्चय किया।
मई ८: बंगलौर पहुँचे।

गवर्नमेंट हाईस्कूलमें गोखलेके चित्रका अनावरण किया।

लालबागमें आयोजित स्वागत समारोहमें भाग लिया।

मई ११: अहमदाबाद वापस पहुँचे। अहमदाबादमें आश्रम स्थापित करनेके सम्भावित व्ययका तखमीना तैयार किया।
मई २० से पूर्व: कोचरब आश्रमके संविधानका मसविदा तैयार किया।
मई २३: फीनिक्सका दल मगनलाल गांधीके साथ गुरुकुल काँगड़ीसे अहमदाबाद पहुँचा।
जून १: ‘बालकोंमें मिथ्या भाषणके दोष’ के लिए एक दिनका उपवास किया।
जून ३: सम्राट्के जन्म-दिवसपर वितरित की जानेवाली उपाधियोंकी सूचीमें गांधीजीको भी ब्रिटिश साम्राज्यकी सेवाके उपलक्ष्यमें कैंसरे-हिन्द पदक देनेकी घोषणा की गई।
जून १६: दक्षिण आफ्रिकी भारतीय कोषके मन्त्री, जे० बी० पेटिटको पत्र लिखकर दक्षिण आफ्रिकामें जनवरी ३१, १९१५ तक सत्याग्रह आन्दोलनके सिलसिलेमें होनेवाली आमदनी और खर्चका हिसाब दिया।
जून २६: पूना जाकर कैंसरे-हिन्द पदक लिया।
जुलाई ११: पूनामें बम्बई प्रान्तीय सम्मेलनके १५ वें अधिवेशनमें भाग लिया। लोकमान्य तिलकसे दो बार भेंट की।
जुलाई: गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट, १९१५ पास हो गया।
सितम्बर, २०: गांधीजी सी० एफ० ऐन्ड्रयूज और डब्ल्यू० डब्ल्यू० पियर्सनके बम्बई पहुँचनेपर उनसे मिले और उनके साथ अहमदाबादके लिए रवाना हुए।
सितम्बर २३: सी० एफ० ऐन्ड्रयूज और पियर्सन जहाजसे फीजीके लिए रवाना हुए। गांधीजीने श्रीनिवास शास्त्रीको एक पत्रमें लिखा कि सत्याग्रह आश्रममें एक अछूत-परिवारको रखनेके कारण शायद उन्हें (गांधीजीको) कस्तूरबासे अलग होकर ढेड़ोंकी बस्तीमें रहना पड़ेगा।
सितम्बर २६: ढेड़ जातिके दूदाभाई और उनकी पत्नी सत्याग्रह आश्रममें रहने के लिए आये।

गांधीजीने ए० एच० वेस्टको लिखा कि ‘इंडियन ओपिनियन’ को हर कीमतपर चलाते रहना चाहिए।

सितम्बर ३०: बम्बईमें दक्षिण आफ्रिकी भारतीय कोष समितिकी बैठकमें भाग लिया। वलिअम्मा हॉलकी स्थापनाके प्रस्तावपर विचार किया गया।