पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 13.pdf/६६३

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
६२७
तारीखवार जीवन-वृत्तान्त

 

अप्रैल २: शान्तिनिकेतनमें गुरुदेव रवीन्द्रनाथ, सी० एफ० ऐन्ड्रयूज और वहाँके अध्यापकोंसे बातचीत की।
अप्रैल ५: शान्तिनिकेतनसे हरद्वार पहुँचे जहाँ कुम्भ मेला हो रहा था।
अप्रैल ६: हरद्वारके निकट गुरुकुलमें स्वामी श्रद्धानन्दसे भेंट की।
अप्रैल ७: हृषीकेशं गये, पैदल लक्ष्मण-झूला तक गये, और स्वर्गाश्रमं देखने गये।
अप्रैल ८: गुरुकुल कांगड़ीके ब्रह्मचारियोंने स्वागतका आयोजन किया।
अप्रैल ९: गांधीजीने प्रतिदिन आहारमें केवल पाँच वस्तुएँ लेनेका व्रत लिया।
अप्रैल १२: कस्तूरबा तथा अन्य लोगोंके साथ दिल्ली पहुँचे।
अप्रैल १४: मथुरा और वृन्दावनकी यात्रा की। मद्रासके लिए रेलगाड़ीसे रवाना हुए।
अप्रैल १७: मद्रास पहुँचे।
अप्रैल २०: मद्रासमें गोखले-क्लबके सदस्योंके समक्ष भाषण दिया।
अप्रैल २१: गांधीजीके सम्मानमें सर सुब्रह्मण्य अय्यरकी अध्यक्षतामें इंडियन साउथ आफ्रिका लीग, मद्रास द्वारा स्वागत-समारोहका आयोजन। श्रीमती बेसट, न्यायमूर्ति तैयबजी और वी० एस० श्रीनिवास शास्त्री उपस्थित थे।
अप्रैल २२: ‘मद्रास मेल’ के प्रतिनिधिसे भेंटमें गांधीजीने भारतमें अपने भावी कार्यक्रमके बारेमें बताया।
अप्रैल २३: मद्रास महाजन सभा द्वारा आयोजित सभामें और प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित जलपानके अवसरपर भाषण किये।
एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडियाके प्रतिनिधिको भेंटमें बताया कि दक्षिण आफ्रिकामें शुरू किया गया काम किस तरह जारी रहेगा।
अप्रैल २४: मुस्लिम लीगकी मद्रास शाखाने लॉली हॉलमें गांधीजी और कस्तूरबाके सम्मानमें जलपानका आयोजन किया।

मद्रासके कानून पेशा लोगों द्वारा आयोजित भोजके अवसरपर भाषण।

अप्रैल २५: सोशल सर्विस लीग, मद्रास द्वारा रानडे भवनमें आयोजित सभामें भाषण। आर्य वैश्य महासभा द्वारा आयोजित स्वागत समारोहमें भाग लिया।
अप्रैल २६: मद्रासके भारतीय ईसाइयों द्वारा आयोजित स्वागत समारोहमें गांधीजीने दक्षिण आफ्रिकामें ईसाई प्रचारकों द्वारा प्रदान की गई सहायताओंका उल्लेख किया।
अप्रैल २७: वी० एस० श्रीनिवास शास्त्रीकी अध्यक्षतामें वाई० एम० सी० ए० में मद्रासके छात्रों द्वारा स्वागत समारोहका आयोजन।
अप्रैल २९: मद्रासकी लक्ष्मी मेमोरियल आर्य पाठशाला देखने गये। लाड गोविन्ददासके निवास स्थानपर मद्रासके गुजराती समाज द्वारा आयोजित भोजमें गये।
अप्रैल ३०: मायावरमसे ट्रेंकेबार (मद्रास राज्य) पहुँचे।

दक्षिण भारतीय दलित वर्ग संघकी ओरसे आयोजित स्वागत-समारोहमें भाग

लिया।
मई १: मायावरम वापस गये।