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परिशिष्ट

दूसरी यह है कि प्रत्यक्ष कर्मचारी वर्ग और विशेषकर कोर्ट ऑफ वार्डसके कर्मचारी-वर्गके दिमागमें यह बात बैठा देनी चाहिए कि जबतक सरकारको यह विश्वास नहीं हो जाये कि उसके आदेशोंका पूरी तरह पालन किया गया है तबतक उस दिशामें प्रयत्नशील रहना उन सबके कर्त्तव्योंका एक महत्त्वपूर्ण अंग होगा।

एफ० जी० स्लाई (अध्यक्ष)
एल० सी० ऐडमी
कीर्त्यानन्द सिंह
डी० जे० रोड
जी० रैनी
मो० क० गांधी

[अंग्रेजीसे]

चम्पारन कृषीय जाँच समितिकी रिपोर्ट: नेशनल आर्काइव्ज ऑफ इंडिया।

परिशिष्ट १२

परिषदीय परमादेश

अक्तूबर ६, १९१७

आज दोपहर बाद परिषद्‌में चम्पारन कृषीय जाँच समितिके प्रतिवेदनपर चर्चा हुई और यह तय किया गया कि समितिकी सिफारिशोंको आम तौरपर स्वीकार कर लिया जाये तथा एक प्रस्ताव और आवश्यक प्रशासनिक आदेश जारी करके तथा अविलम्ब विधान[१] बनाकर उनको लागू करनेके लिए कदम उठाये जायें। आदेश हुआ कि चर्चाक रान तय पाई गई नीतिके अनुरूप एक प्रस्तावका मसविदा जितनी जल्दी हो सके, तैयार किया जाये।

[अंग्रेजीसे]
सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० १९०, पृष्ठ ३९२।
 
  1. १. देखिए अगला शीर्षक: