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परिशिष्ट

भूतपूर्व सब-डिवीजन ऑफीसर श्री ई० एच० जॉन्स्टन, आई० सी० एस० के लिखित वक्तव्य प्राप्त हुए। विहार जमींदार संघ [लैंड होल्डर्स एसोसिएशन] को खास तौरसे अपने विचारोंका ज्ञापन देनेके लिए निमन्त्रित किया गया; किन्तु उसका उत्तर आया कि उसके पास चम्पारनकी कृषि सम्बन्धी अवस्थाओंके बारेमें सामग्री और तथ्य नहीं हैं; इसलिए वह कोई लिखित मत प्रस्तुत नहीं कर सकता।

समितिकी प्रारम्भिक बैठक अपनी कार्यविधि और जाँचका क्षेत्र निश्चित करनेके लिए ११ जुलाईको रांचीमें हुई और उसकी खुली बैठकें मंगलवार १७ जुलाईको बेतियामें आरम्भ हुई थी। बेतिया और मोतीहारीमें आठ बैठकें हुईं जिनमें उन्नीस व्यक्तियोंकी गवाहियाँ दर्ज की गईं। इनमें से चार सरकारी अधिकारी (बन्दोबस्त -अधिकारी, बेतियाका सब-डिवीजन अधिकारी, चम्पारन जिलेका कलक्टर और बेतिया राजका मैनेजर), किसानोंके तीन प्रतिनिधि, बिहार बागान मालिक संघका प्रतिनिधि और बारह संस्थानोंके मैनेजर थे। हमने आठ संस्थानोंमें स्थानीय जाँच भी की जिसमें मैनेजरोंसे विस्तृत पूछताछ की गई, सम्बन्धित नीलकी कोठियोंके रजिस्टर और हिसाब-किताब देखे गये, उन किसानोंसे पूछताछ की गई जिन्होंने लिखित वक्तव्य दिये थे और किसानोंके बड़े-बड़े समुदायोंसे, जो हमसे मिलनेके लिए इकट्ठे हुए थे, बहुत-सी बातें पूछी गईं। स्थानीय सरकारने अपने सरकारी कागजात उपलब्ध करके हमारी बहुत सहायता की और संस्थानोंके मैनेजरोंने हमें पूरी जानकारी दी एवं अपने कागजात और रजिस्टर जाँचनेकी सुविधाएँ दीं; समिति इनकी इस जबर्दस्त सहायताके लिए कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहती है।

 

अध्याय २

नील-सम्बन्धी शिकायतें

प्रारम्भिक――जमींदार

३. सरकारने हमें चम्पारन जिलेके इतिहास, आर्थिक स्थिति और पिछले किसान-जमींदार विवादोंसे सम्बन्धित पहलेके कागज उपलब्ध कर दिये हैं। हमें जाँच करनेके लिए इतना समय तो नहीं मिला कि हम इस जानकारीमें कोई उपयोगी तथ्य जोड़नेमें समर्थ हो सकते; इसलिए हम इस रिपोर्टमें अबतक उपलब्ध समस्त सामग्रीकी पुनरावृत्ति करना नहीं चाहते। केवल कुछ ऐसे मोटे-मोटे तथ्य ही देना चाहते हैं जिनका हमारी वर्तमान जाँचसे सीधा सम्बन्ध है। ऐतिहासिक कारणोंसे यह जिला बड़ी-बड़ी जमींदारियोंका जिला है और अब भी इसका तीन चौथाई भाग इन तीन बड़े मालिकोंके अधिकारमें है――बेतिया राज जो १८९८ से सरकारी [कोर्ट आफ वार्डके ] प्रबन्धमें है, रामनगरकी जमींदारी, यह भी सरकारी प्रबन्धमें ली जा चुकी है और मधुबनकी जमींदारी। बेतिया और रामनगरकी जमींदारियोंमें ठेकेदारोंको पट्टेपर गाँव