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परिशिष्ट

 

श्री माँटेग्यु अधिकारियोंके साथ यथासमय सुधारोंके प्रश्नपर चर्चा करेंगे और लोक-प्रतिनिधि संस्थाओंके सुझाव भी प्राप्त करेंगे। परन्तु भारतके आंग्ल-भारतीय समाचारपत्रोंने जो रुख अपनाया है और जो निश्चित रूपसे वह अपनायेगा ही, उसे देखते हुए हमारे लिए इतना ही पर्याप्त नहीं है कि हम लोक-प्रतिनिधि संस्थाओंकी हैसियतसे इस प्रश्नपर भारत मन्त्रीके साथ चर्चा करें, बल्कि यह भी परम आवश्यक है कि हम सुधारोंके पक्षधर विशाल लोकमतकी ओर स्पष्ट रूपसे उनका ध्यान आकर्षित करके सुधार-विरोधी प्रतिक्रियावादी शक्तियोंके खिलाफ लड़नेके लिए उनके हाथ मजबूत करें। ऐसा अवसर बार-बार हाथ नहीं आता, और इसमें चूकना एक अपराध जैसा होगा।

हमारी सभाने इसी दृष्टिसे, अपने अध्यक्ष श्री मोहनदास करमचन्द गांधीके सुझावपर, गुजरातके ब्रिटिश प्रजाजनों द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रार्थनापत्र श्री मॉंटेग्युके सामने पेश करना तय किया है। प्रार्थनापत्र छोटा-सा है और इसका मसविदा श्री मो० क० गांधीने श्री आर० बी० रमणभाई एम० नीलकंठकें साथ सलाह-मशविरा करके बनाया है। प्रार्थनापत्रकी एक प्रति यहाँ संलग्न है।

आप देखेंगे कि मूल प्रार्थनापत्र गुजरातीमें है और साथमें उसका अंग्रेजी अनुवाद भी नत्थी है। सभाने सोच-समझकर ऐसा किया है, क्योंकि अंग्रेजीके माध्यमसे देशकी विशाल जनतातक पहुँचना असम्भव है। सभा जनताके बीच भाषण करने और उसे सुधार योजना समझानेके लिए एक स्वयंसेवकदल संगठित कर रही है। स्वयंसेवकोंके लिए कुछ खास हिदायतें हैं जिनका मसविदा स्वयं श्री गांधीने तैयार किया है। उसमें स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी स्वयंसेवकको प्रार्थनापत्रपर किसी भी ऐसे व्यक्तिके हस्ताक्षर नहीं लेने चाहिए जो योजनाको समझता न हो या जो नाबालिग अथवा सरकारी कर्मचारी हो। प्रत्येक स्वयंसेवकको पत्रक-रूपमें छपे, कुछ प्रारम्भिक उक्तियों-सहित, सुधार-योजनाके गुजराती अनुवादकी एक प्रति दी जाती है, और उसे इस पत्रकमें निरूपित विषयोंसे बाहर न जानेकी कड़ी हिदायत रहती है।

महात्मा, खण्ड १ में प्रकाशित अंग्रेजी परिपत्रकी प्रत्याकृति से।

परिशिष्ट ९

चम्पारन समितिकी बैठककी कार्यवाहीका विवरण

सितम्बर २७, १९१७

सर्वश्री इर्विन, हिल और नॉर्मनको तीन विकल्पोंपर विचार करने के लिए रांची बुलाया जाये:

क. प्रत्येकको बतलाना चाहिए कि वह निम्नलिखित शर्तोपर शरहबेशी द्वारा हुई लगान-वृद्धिमें कितने प्रतिशत तक की कमी करनेको तैयार है:

(१) कि इस बार शरहवेशी द्वारा हुई लगान वृद्धिमें वह जितनी कमी करनेको तैयार हो वह पिछली बारके प्रस्तावसे काफी अधिक हो; बागान-मालिक