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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

पंडित मदनमोहन मालवीय और श्री गांधीसे मुजफ्फरपुर और चम्पारन जाकर निलहे जमींदारों और काश्तकारोंके मामलेका अध्ययन करनेका अनुरोध किया था। उन्होंने यथाशीघ्र मुजफ्फरपुर आनेका वचन दिया था। बिहारके प्रतिनिधियोंने श्री गांधीसे यह अनुरोध भी किया था कि वे इस विषयपर कांग्रेसमें एक प्रस्ताव पेश करें, परन्तु उन्होंने इस आधारपर ऐसा करनेसे इनकार कर दिया कि उन्होंने स्वयं यहाँ आकर इस प्रश्नका अध्ययन नहीं किया था।

अरिक्षण सिन्हा

[अंग्रेजीसे]
सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, संख्या १७ और १८, पृष्ठ ६०-१।

परिशिष्ट ४

आपराधिक कार्रवाईकी संहिताकी धारा १४४ के अन्तर्गत आदेश

अप्रैल १६, १९१७

सेवामें

श्री मो० क० गांधी

इस समय मोतीहारीमें

चूँकि इस डिवीजनके कमिश्नरने अपने एक पत्र द्वारा, जिसकी एक प्रति संलग्न है, मुझे बतलाया है कि इस जिलेमें कहीं भी आपकी उपस्थिति सार्वजनिक शान्तिके लिए खतरनाक होगी और उसके कारण ऐसे गम्भीर ढंगका उत्पात हो सकता है जिसमें लोगोंके प्राणोंकी हानिका अन्देशा है और चूंकि इस सम्बन्धमें तत्काल कार्रवाई करना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है;

इसलिए मैं इसके द्वारा आपको आदेश देता हूँ कि आप जिलेमें उपस्थित न रहें और अगली ट्रेनसे ही जिलेसे बाहर चले जायें।

डब्ल्यू० बी० हेकॉक
जिला मजिस्ट्रेट
चम्पारन