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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

तो वह न्यायाधिकरणमें तीन सदस्य रखनेके पक्षमें हैं; लेकिन उन्होंने कहा कि वे मामलेपर थोड़ा और विचार करना चाहेंगे।

इसके पश्चात समितिको बैठक स्थगित कर दी गई।

[अंग्रेजीसे]
सिलेक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, संख्या १६३, पृष्ठ ३१५-२२।

३८८. पत्र: जे० बी० नॉर्मनको

मोतीहारी
अगस्त १५, १९१७

प्रिय श्री नॉर्मन,

आपकी रैयतके कुछ बयान में इस पत्रसे संलग्न कर रहा हूँ। इसी तरहके कुछ बयानात मैं कलक्टर महोदयको समय-समयपर भेजता रहा हूँ। लेकिन वे वहाँ कोई कार्रवाई करनेके पक्षमें नहीं हैं। अपनी जगह वे सही हैं। मैं यथासम्भव अदालती कार्रवाई करनेसे बचना चाहता हूँ। इसलिए संलग्न कागजात मैं आपके पास भेजनेकी स्वतन्त्रता ले रहा हूँ ताकि आप खुद जाँच कर लें। यदि बयान सही हैं, तो आप निश्चय ही इस बातकी व्यवस्था करेंगे कि भविष्यमें आपकी रैयत इस प्रकारके जोर-जुल्मसे बची रहे।

आपका सच्चा,
मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया) से; सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० १६५, पृष्ठ ३२३ से भी।

३८९. पत्र: जमनालाल बजाजको

अमदाबाद
भाद्रपद शुक्ल ४ [अगस्त २१, १९१७][१]

भाईश्री जमनालालजी,

आपका पत्र मीला है। में थोड़े दीनोंके लीये यहां आया हुं। आपको चंपारन आनेका प्रयोजन नहिं है। कमीटीका कार्य बहोत कर अभी समाप्त हो गया है.

आपका
मोहनदास गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल पत्र (जी० एन० २८३४) की फोटो-नकल से।

  1. १. चम्पारनके उल्लेखसे प्रतीत होता है कि यह पत्र १९१७ में लिखा गया था।