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पत्र: चम्पारन जाँच-समितिके अध्यक्षको

जैसा ही है। बागान-मालिकोंके प्रस्तावके अन्तर्गत उन्हें रु० ०-६-७ प्रति रुपया, और मेरे प्रस्तावके अन्तर्गत रु० ०-५-३ प्रति रुपया मिलेगा। इस तरह, मेरे इस अन्तिम प्रस्तावमें सारी सम्भावनाएँ शामिल हैं, यहाँतक कि श्री ह्विटीकी[१] अपील सफल होनेकी सम्भावनाका भी उसमें ध्यान रखा गया है।

मेरा अपना मूल प्रस्ताव ०-३-० प्रति रुपये वृद्धिका था जो ६६ प्रतिशत कमीके बराबर है। मेरे मौजूदा प्रस्तावमें ४० प्रतिशतकी कमी माँगी गई है। इस तरह मैंने २६ प्रतिशत ज्यादा स्वीकार किया है। अब यदि दबाव डालना ही हो तो मुझपर नहीं; बागान-मालिकोंपर डालना चाहिए।

श्री इर्विन पिछले छः वर्षोंसे बिना किसी औचित्यके तावानके रूपमें बड़ी-बड़ी रकमें लेते रहे हैं और शरहबेशीकी वसूली की हैं। मेरा प्रस्ताव स्वीकार करने में उनके लिए शिकवा-शिकायत करनेकी कोई बात नहीं हो सकती। तुरकौलिया और पिपरा, इन दोनों जगहोंपर शरहबेशीके नामपर रैयतके साथ जो ज्यादती की गई है, उसके सबूत समितिके सामने हैं। हमारे सामन लिखित प्रमाण मौजूद हैं कि दबावके बारेमें अपना निर्णय देते समय श्री स्वीनीने लोमराजसिंहके मामलेमें दिये गये निर्णय और नाजायज असर डालनेके सवालपर हाईकोर्टकी फुल बेंच द्वारा दिये गये निर्णयको नहीं पढ़ा था। कानूनमें अब यह बात निश्चित हो गई है कि नाजायज असर और दबावमें कोई अन्तर नहीं है। इन तथ्योंका उल्लेख मैं यह बतानेके लिए कर रहा हूँ कि समितिके रूपमें हम इन बातोंको नजरअन्दाज नहीं कर सकते। हम तथाकथित बहुत कम लगानके काल्पनिक आधारपर ही अपने निर्णय करें, यह सम्भव नहीं है।

मुझे विश्वास है कि अपने सदस्योंके बीच अंक-सम्बन्धी विवादको सरकारके पंचनिर्णयके लिए सौंपनेसे पहले समिति सौ बार सोचेगी। ऐसी किसी दुःखद स्थितिको टालनेके लिए मैं जिस हदतक जा सकता था, वहाँ तक गया हूँ। यदि आप और अन्य सदस्योंका मन मेरे प्रस्तावको स्वीकार करनेपर राजी न हो सके, तो मैं दुःखके साथ अपनी असहमति-टिप्पणी लिखूँगा, किन्तु उसमें, जैसा कि मैंने पहले कहा है मैं ५५ प्रतिशत कमी करनेका समर्थन करूँगा। ४० प्रतिशतकी कमीका प्रस्ताव सदस्यों के (और केवल बागान-मालिकोंके, बशर्ते कि आप ऐसा समझें कि उनसे फिर सलाह करना ठीक है) विचारार्थ है।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

मैंने अपनी संख्यामें दशमलव नहीं रखे हैं।

मो० क० गांधी

गांधीजीके हस्ताक्षरयुक्त टाइप किये हुए मूल अंग्रेजी पत्र (नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया) से; सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० १६२, पृष्ठ ३१३-५ से ली।

  1. १. जे० टी० ह्विटी; बेतिया राजके प्रबन्धक।