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पत्र: एस्थर फैरिंगको

 

पुनश्च:

मैं इस ११ तारीख तक रांचीमें रहूँगा। यहाँ मेरा पता होगा, मारफत श्री सहाय और उसके बाद, मोतीहारी, चम्पारन।

मो० क० गां०

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी मसविदे (एस०एन० ६३७२) की फोटो-नकलसे।

 

३६२. पत्र: एस्थर फैरिंगको

रांची
जुलाई ८, १९१७

प्रिय एस्थर,

मैं यहाँ समितिके कामके सम्बन्धमें आया हूँ। मैं यहाँसे ११ तारीखको मोतीहारी रवाना हो जाऊँगा। यह स्थान पठारपर स्थित होनेसे स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।

इसके साथ ‘पायनियर’को लिखे गये पत्रकी<ref>१. देखिए “पोशाकके बारेमें पायनियरको उत्तर”, ३०-६-१९१७।</ret> नकल भेजता हूँ। मैं जानता हूँ कि यह तुम्हें पसन्द आयेगा। पत्रसे यहाँ खासी खलबली पैदा हो गई है। अभीतक तो इसकी प्रतिक्रिया अच्छी ही हुई है।

‘द ग्रेटेस्ट थिंग इन द वर्ल्ड’<ref>२, हेनरी डूमंड द्वारा लिखित; देखिए “पत्र: एस्थर फैरिंगको”, ११-६-१९१७।<ref> यहाँ नहीं मिल सकी। क्या तुम इसकी एक प्रति पोलकको भेज सकोगी? मैंने अनुच्छेदोंकी नकल करके उसे भेज दी थी। अब उसने पुस्तिका माँगी है। जो पुस्तिका मेरे पास है वह काममें आ रही है।

तुम्हारा,
बापू

[अंग्रेजीसे]
माय डियर चाइल्ड