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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

 

अमूल्य उपहारके लिए धन्यवाद। इस पुस्तिकामें जैसे विचार हैं वैसे विचारोंकी मुझे आवश्यकता है।

सस्नेह,

तुम्हारा,
बापू

[पुनश्च:]

मैं प्रेम सम्बन्धी पद्योंका[१] तीन मास तक नित्य पारायण करनेके ड्रमंडके निर्देशका अनुगमन करनेवाला हूँ।

[अंग्रेजीसे]
माई डियर चाइल्ड
 

३४५. पत्र: एच० मैक्फर्सनको

बेतिया
जून १३, १९१७

प्रिय श्री मैक्फर्सन,

मैं कल मोतीहारी गया था। वहाँ औपचारिक रूपसे बयान लेना बन्द करा दिया गया है। मैंने काश्तकारोंसे कहा है कि सरकार एक जाँच-समिति नियुक्त कर रही है। वह सम्भवतः अपना कार्य आगामी जुलाईके मध्य तक आरम्भ करेगी और जिस हद तक आवश्यक होगा उस हद तक उनके कष्टोंकी कहानी सुनेगी। मैंने उन्हें कहा है कि सरकारके उपर्युक्त निर्णयको ध्यान में रखते हुए मुझे अब उनके बयान लेनेकी आवश्यकता नहीं रही है।

मैं अपना प्रधान कार्यालय उठाकर मोतीहारी ले जा रहा हूँ जहाँ मैं और मेरे साथी अबतक इकट्ठी की गई गवाहीका अध्ययन और विश्लेषण करेंगे एवं उसे ऐसा रूप देंगे जिसे अवसर आनेपर प्रस्तुत किया जा सके। काश्तकार जानकारी और मार्गदर्शनके लिए हमारे पास अब भी आते रहेंगे। मैं तो देखता हूँ कि यदि उन्हें अपनी मर्जीके मुताबिक हमसे मिलते रहने दिया जाता है तो इससे उन्हें बड़ी राहत मिलती है और उन्हें जो सलाह दी जाती है उसे वे तुरन्त मान भी लेते हैं। उनसे हम यह कह रहे हैं कि वे जबतक जाँच नहीं हो जाती तबतक स्थितिको यथावत् बनाये रखें। तभी कुछ करें जब कार्रवाई स्पष्ट रूपसे गैर-कानूनी हो; और वे स्वयं जो कुछ करें वह किसी प्रकारसे भी गैर-कानूनी न हो।

जबतक समितिकी नियुक्ति करनेवाला प्रस्ताव[२] प्रकाशित नहीं हो जाता और अखबारोंमें छिड़ी गर्मागर्म बहस कुछ ठण्डी नहीं हो जाती तबतक मैं अहमदाबाद

  1. १. हेनरी डूमंडकी द ग्रेटेस्ट थिंग इन द वर्ल्ड
  2. २. देखिए परिशिष्ट ११ (चम्पारन जाँच-समितिकी रिपोर्ट)।