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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

 

ऐसा मत सोचना कि मैं जरूरतसे ज्यादा काम करके अपने आपको मारे डाल रहा हूँ।

हम सबके प्यार सहित,

तुम्हारा,
बापू

[अंग्रेजीसे]
माई डियर चाइल्ड

३४२. पत्र: एच० मैक्फर्सनको

बेतिया
जून १०, १९१७

प्रिय श्री मैक्फर्सन,[१]

लेफ्टिनेंट गवर्नर महोदयका नोट[२] संलग्न करते हुए आपके नोटके[३] लिए धन्यवाद।

इस पत्रके साथ जिस लिफाफेमें आपका पत्र आया था, उसे वापस भेज रहा हूँ। मैंने उसमें से कागजात बिना किसी खास दिक्कतके निकाल लिये थे।

बेतियामें बयान लेनेका काम कलसे बन्द कर दिया गया है। और मोतीहारीमें बन्द करवाने के लिए मैं कल वहाँ जा रहा हूँ।

आपका सच्चा,
मो० क० गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी पत्र (नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया) से; सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० १२५, पृष्ठ २१२-३ से भी।

 

३४३. पत्र: एच० मैक्फर्सनको

बेतिया
जून ११, १९१७

प्रिय श्री मैक्फर्सन,

आपके इसी ९ तारीखके पत्रके लिए धन्यवाद। यदि यह मान लिया जाये और मेरा खयाल है कि यह मान ही लिया जाना चाहिए, कि बात मेरी ओरसे नहीं खुल सकती तो एसोसिएटेड प्रेसका समाचार[४] एक पूरा रहस्य बन जाता है।

  1. १. बिहार-उड़ीसाके लेफ्टिनेंट गवर्नरके मुख्य सचिव।
  2. २. देखिए “भेंट: बिहारके लेफ्टिनेंट गवर्नरसे”, ५-६-१९१७।
  3. ३. रांचीसे प्रेषित ८ जूनका नोट।
  4. ४. देखिए “तार: बिहारके मुख्य सचिवको”, ८-६-१९१७।