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३२१. पत्र: डब्ल्यू० एस० इर्विको[१]

मोतीहारी
मई २४, १९१७

प्रिय महोदय,

आपके इलाकेके गाँव बसतपुरमें बडाटोलाकी रैयत लाखनराय और कवलधारीने मुझे बताया है कि पिछले रविवार और सोमवारको आपके आदमियोंने उनकी खड़ी फसल काट ली और उसे उठा ले गये। उन्होंने यह भी बताया है कि फसल आपकी मौजूदगीमें खेतोंसे ले जाई गई थी। उनका यह भी कहना है कि वे इससे पहले मोतीहारीमें मेरे सहयोगियोंके पास आकर जो अपने बयान दे गये थे, उसी कार्यके दण्डस्वरूप यह किया गया है। इसके सिवा फसल काटकर लदवा ले जाने के बारेमें लाखनरायके बयानकी पुष्टि बहुतसे लोगोंने की है। इन बयानों में कोई सचाई है अथवा नहीं, इसकी सूचना यदि आप कृपापूर्वक देंगे तो मैं आपका आभार मानूँगा।

आपका विश्वस्त,
मो० क० गांधी

[अंग्रेजीसे]
सिलैक्ट डॉक्यूमेंट्स ऑन महात्मा गांधीज मूवमेंट इन चम्पारन, सं० ९८, पृष्ठ १६५-६।
 

३२२. पत्र: बिहार तथा उड़ीसाके मुख्य सचिवको

बेतिया
मई २५, १९१७

मुख्य सचिव

बिहार तथा उड़ीसा सरकार
रांची

महोदय,

आपके १९ और २१ तारीख के पत्र मुझे मिल गये हैं।

मैं इन पत्रों और इनमें दिये गये आश्वासनोंके लिए कृतज्ञ हूँ।

मेरा सुझाव था कि मैंने जिन मामलोंमें शिकायतें की हैं उनमें तुरन्त ही

कार्रवाईकी दरकार है। सुझावका मंशा यह नहीं था कि सरकार स्थानीय अधि-

 
  1. १. एक प्रमुख बागान-मालिक, और चम्पारनमें नीलकी खेती करनेवाली मोतीहारी इंडिगो कन्सर्नके प्रबन्धक।